छठ पर्व पर समारोह : जल्द ही राष्ट्रीय पर्व – राज्यपाल श्री राम नरेश यादव

छठ पर्व पर समारोह : जल्द ही राष्ट्रीय पर्व – राज्यपाल श्री राम नरेश यादव

राज्यपाल श्री राम नरेश यादव ने आज यहाँ छठ पूजा पर्व पर समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारा देश पर्वों और उत्सवों का देश है। यहाँ की संस्कृति अनेकता में एकता पर आधारित है। छठ पूजा की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता, आस्था और विश्वास को देखते हुए यह पर्व जल्द ही राष्ट्रीय पर्व का रूप ले लेगा। इस पर्व को मनाने के पीछे अनेक पौराणिक लोकगाथाएँ और लम्बा इतिहास छिपा है। छठ पूजा का पर्व सादगी, समृद्धि और मानसिक संतुष्टि का प्रतीक है।

इस अवसर पर गृह मंत्री श्री बाबूलाल गौर, फिल्म कलाकार श्री मुकेश तिवारी, पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ. आर.एल.एस.यादव तथा भोजपुरी एकता मंच के अध्यक्ष श्री कुंवर प्रसाद उपस्थित थे। राज्यपाल ने उत्कृष्ट योगदान देने वाले भोजपुरी समाज-सेवियों और साहित्यकारों का सम्मान किया। राज्यपाल श्री यादव ने बड़े तालाब स्थित गंगा छठ घाट पर पूजा भी की।

राज्यपाल ने कहा कि छठ का उत्सव लोकोत्सव है। यह लोक-चेतना और लोक-संस्कृति से अनुप्रमाणित है। यह पर्व सद्भाव, एकता, भाई-चारे और समरसता की प्रेरणा देता है। श्री यादव ने कहा कि भोजपुरी और बुंदेलखंडी भाषा की लोकप्रियता को देखते हुए इसे भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाना चाहिए।

गृह मंत्री श्री बाबूलाल गौर ने कहा कि भारत एकमात्र ऐसा देश है, जहाँ नदी, पेड़ सहित प्रकृति के विभिन्न रूप को पूजा जाता है। यहाँ हर त्यौहर और पर्व सादगी और भाई-चारे के साथ मनाये जाते हैं।

राज्यपाल श्री यादव ने उपस्थित जन-समूह को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित स्वच्छता अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाने का संकल्प दिलाया। इस अवसर पर राज्यपाल ने 5100 दीप दान का शुभारम्भ भी किया।

राजेन्द्र राजपूत

Related post

यशपाल का आजादी की लड़ाई और साहित्य में योगदान

यशपाल का आजादी की लड़ाई और साहित्य में योगदान

  कल्पना पाण्डे———प्रसिद्ध हिन्दी कथाकार एवं निबंधकार यशपाल का जन्म 3 दिसम्बर 1903 को फिरोजपुर (पंजाब) में हुआ था। उनके…
साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…

Leave a Reply