- November 15, 2014
चीन और पाकिस्तान की फौज मिलकर भारत के खिलाफ साजिश
जम्मू कश्मीर (आईबीएन-7) – जम्मू-कश्मीर में भारत-पाक बॉर्डर पर चल रही सरगर्मियों ने भारतीय खुफिया एजेंसियों के होश उड़ा दिए हैं। खुफिया एजेंसियों का कहना है कि चीन और पाकिस्तान की फौज मिलकर भारत के खिलाफ साजिश कर रहे है। बीएसफ की खुफिया जानकारी के मुताबिक चीनी फौज के जवान सीमा पार बने ट्रेनिंग कैंपों में पाकिस्तानी जवानों को ट्रेनिंग दे रहे हैं।
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सैनिक जम्मू-कश्मीर में भारत-पाक सीमा के उस पार पाकिस्तानी सैनिकों को ट्रेनिंग दे रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक राजौरी सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के उस पार चीनी सैनिक पाक सैनिकों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देते नजर आए हैं। भारत के लिए चिंता का सबब ये है कि पाक फौज की ये ट्रेनिंग सीमा से सटी चौकियों पर हो रही है। सीमा पार पाकिस्तानी इलाके में हो रही गतिविधियां सिर्फ जम्मू-कश्मीर तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि राजस्थान और पंजाब के सीमाई इलाकों में भी पाक फौज की गतिविधियां किसी बड़ी साजिश के संकेत दे रही हैं।
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक राजस्थान के श्रीगंगानगर सेक्टर में सीमा के उस पार चौकियों पर पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों की जगह पाकिस्तानी सेना तैनात है। जबकि आमतौर पर सीमा से सटी चौकियों पर पाक रेंजर्स के जवान तैनात रहते हैं। यही नहीं पंजाब के अबोहर और गुरुदासपुर सेक्टरों के करीब पाकिस्तान ने नए वॉच टावर लगाए हैं। सीमा पर बातचीत के रिकॉर्ड से ऐसे संकेत मिले हैं कि पाकिस्तानी सेना और रेंजर्स भारतीय सैनिकों और संपत्तियों को निशाना बनाने तैयारी में हैं।
इसके लिए पाक फौज अपने रणनीतिक ठिकानों और चौकियों पर अचूक निशानेबाज तैनात करने की योजना बना रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान सेना ने अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा के आसपास छापामार युद्ध में माहिर कमांडो दस्ते भी तैनात किए हैं। खुफिया एजेंसियों का कहना है कि पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम भी भारतीय क्षेत्र में हमला कर सकती है
बीएसएफ की खुफिया रिपोर्ट इसलिए भी गंभीर हो जाती है कि अगले महीने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक पाक फौज सीमा से सटे इलाकों में आतंकियों की घुसपैठ करा सकती है जो इन चुनावों के दौरान किसी बड़ी कार्रवाई को अंजाम दे सकते हैं। अब भारतीय फौज, बीएसएफ और खुफिया एजेंसियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती सिर पर मंडराते इस खतरे से निपटने की है।