- March 18, 2016
चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष
जयपुर — मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को दूर करने में जुटी हुई है। इसी को देखते हुए इस वर्ष बजट में चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष की गई है। उन्होंने कहा कि जरूरतमन्दों की मदद और रोगियों की सेवा-सुश्रुषा ही भगवान की पूजा है, इसके लिए तन-मन-धन से जुड़ने की आवश्यकता है।
सेवा भारती जैसे संस्थान सरकार के साथ मिलकर इस क्षेत्र में सराहनीय सहयोग दे रहे हैं। श्रीमती राजे गुरुवार शाम उदयपुर में सेवा भारती चिकित्सालय के द्वितीय चरण के लोकार्पण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रही थीं। उन्होंने सेवा भारती के कार्यों की सराहना की और उत्तरोत्तर विकास के लिए शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने लोक स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में करीब 7-8 हजार डॉक्टरों की कमी है। इसे दूर करने के लिए विभिन्न वैकल्पिक उपाय किए गए हैं और स्थायी समाधान के प्रयास भी निरन्तर जारी हैं, ताकि प्रदेशवासियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाओं का लाभा मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा दौर में एक-दूसरे के प्रति सद्भावना, प्यार और सेवा का भाव ही लोक कल्याण का मार्ग है। उन्होंने कहा कि भामाशाह की परम्परा को आगे बढ़ाते हुए उदयपुरवासियों ने जिस सहयोगी भावना का परिचय दिया है, वह यहां की खासियत और खूबी है। इससे प्रदेशभर में प्रेरणा का संचार होगा तथा राजस्थान की प्रगति को गति मिलेगी। जल स्वावलम्बन में निभाएं भागीदारी मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जनसहभागिता से आशातीत सफलता पा रहे मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान का जिक्र किया और इसमें भागीदारी निभाने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ने उदयपुर में क्षेत्रीय तथा सामाजिक सरोकारों में जनसहभागिता की सराहना की और कहा कि यहां हर नेक कार्य के लिए कारवां अपने आप जुड़ता चला जाता है। स्थायी कोष की योजना गृह मंत्री श्री गुलाबचन्द कटारिया ने सेवा भारती की बहुआयामी सेवा गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला और कहा कि उनकी योजना है कि 11-11 लाख रूपए की सहयोग राशि प्रदान करने वाले 100 आजीवन सदस्य बनाकर सेवाभारती के लिए 11 करोड़ का स्थायी कोष बनाया जाए ताकि इससे सेवा गतिविधियों का संचालन निर्बाध रूप से हो सके।
क्षमता के अनुसार हर इंसान करे सेवा संत श्री मुरारी बापू ने कहा कि सेवा वही है, जिसमें समता, ममता, क्षमता और नम्रता की नींव मजबूत हो तथा सेवाभावियों के हृदय में सद्भावना और करुणा का भरपूर समावेश हो। अहंकार से सेवा दूषित हो जाती है। उन्होंने कहा कि रामचरित मानस सत्य, प्रेम और करुणा पर केन्दि्रत है। उन्होंने जन-जन का आह्वान किया कि वे अपनी क्षमता के अनुसार सेवा कार्यों में सहभागी बनें। प्रमुख सामाजिक चिंतक श्री सुरेश (भैया जी) जोशी ने क्षेत्रीय जरूरतों की पूर्ति के लिए सेवा कार्यों के संचालन तथा भामाशाह परम्परा की सराहना की और कहा कि जरूरतमन्दों, रोगियों, अभावग्रस्तों आदि की सेवा के क्षेत्र में सेवा भारती बेहतर कार्य कर रही है।
सेवा भारती के मंत्री श्री यशवन्त पालीवाल ने संस्था की विभिन्न गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। स्वागत भाषण श्री सलिल सिंघल ने दिया। इससे पहले अतिथियों ने सेवा भारती चिकित्सालय में पूजा-अर्चना के साथ द्वितीय चरण का लोकार्पण किया। इस अवसर पर सेवा भारती चिकित्सालय परिसर में शीतल जल सेवा केन्द्र का उद्घाटन भी हुआ। लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री व अतिथियों ने सेवा भारती चिकित्सालय व सेवा प्रकल्पों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले भामाशाहों तथा चिकित्सालय निर्माण से जुड़े व्यक्तियों को सम्मानित किया।
समारोह में सांसद श्री अर्जुनलाल मीणा, विधायक श्री फूलसिंह मीणा, अजमेर विद्युत वितरण निगम के प्रबन्ध निदेशक श्री हेमंत गेरा, संभागीय आयुक्त श्री भवानीसिंह देथा, पुलिस महानिरीक्षक श्री आनंद श्रीवास्तव, जिला कलेक्टर श्री रोहित गुप्ता, जिला पुलिस अधीक्षक श्री राजेन्द्र प्रसाद गोयल, जिला परिषद के सीईओ श्री अविचल चतुर्वेदी, नगर परिषद के आयुक्त श्री सिद्धार्थ सिहाग सहित सामाजिक चिन्तक, भामाशाह एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।