ग्लेशियर टुटने से हुई भारी तबाही पर चिन्ता व मृतकों को श्रद्धांजली– रमेश गोएल

ग्लेशियर टुटने से हुई भारी तबाही पर चिन्ता व मृतकों को श्रद्धांजली– रमेश गोएल

तपोवन घाटी में ग्लेशियर टुटने से हुई भारी तबाही पर चिन्ता व मृतकों को श्रद्धांजली अर्पित करते हुए पर्यावरणविद् व जल स्टार रमेश गोयल ने कहा कि मानव विकास के नाम पर स्वयं तबाही की ओर बढ़ रहा है। पहाड़ों से छेड़छाड़ कितनी महंगी पड़ रही है।

सुरंगें बनाने के लिए विस्फोट सामान्य बात है और इन्हीं विस्फोटों के कारण पहाड़ दरक रहे हैं। उन्हांेने कहा कि बढ़ते तापमान के कारण ग्लेशियर पिघलना ही बहुत बड़ी चिन्ता का विषय है और इस प्रकार ग्लेशियर का टुटनाए जिसके कारण ऋषि गंगा नदी में भूचाल आया जैसे बादल फट गए होंए बहुत दुखदायी है।

उन्होने कहा कि निर्माणाधीन दोनों विद्युत प्राजैक्ट आरम्भ से ही पर्यावरण के लिए खतरनाक माने जाते रहे हैं परन्तु फिर भी विकास के नाम पर खतरनाक खेल जारी था। इस त्रासदी में दोनों विद्युत प्राजैक्ट भी धराशायी हो गए और विनाश का तांडव झेलना पड़ा है सो अलग।

माया मिली ना राम यानी प्राजैक्ट भी गए और विनाश भी झेलना पड़ा। उन्होंने चेतावनी भरे शब्दों में सभी सरकारों से आग्रह किया है कि विकास के नाम पर पर्यावरण व प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के विपरीत कार्य करना बन्द करें।

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