ग्रामीण औद्योगिकरण नीति तैयार की जाएगी : उद्योग मंत्री

ग्रामीण औद्योगिकरण नीति तैयार की जाएगी : उद्योग मंत्री

हिमाचल प्रदेश ——- उद्योग मंत्री श्री बिक्रम सिंह ने राज्य उद्योग विभाग के अधिकारियों से सौ दिनों के लिए ‘लक्ष्य दस्तावेज’ अथवा रोड़ मैप तैयार करने को कहा जिसके लिए उन्हें मिशन के रूप में कार्य करना चाहिए ताकि हिमाचल प्रदेश को सही मायने में देश का औद्योगिक हब बनाया जा सके। वह उद्योग भवन में राज्य उद्योग विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

श्री बिक्रम सिंह ने कहा कि विभाग को कुछ नया करना चाहिए और कुछ अग्रणी विचारों के साथ आगे बढ़ना चाहिए ताकि हिमाचल प्रदेश उद्यमियों को निवेश के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बन सके। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की एक मुख्य पहल ‘स्टार्टअप हिमाचल’ के व्यापक प्रचार की आवश्यकता है ताकि योजना से अधिक से अधिक युवा लाभ प्राप्त कर सकें।

उन्होंने कहा कि ‘व्यापार करने में आसानी’ के प्रभावी कार्यान्वयन पर बल दिया जाना चाहिए ताकि निवेशकों को राज्य में इकाईयां स्थापित करने के लिए विभिन्न प्रकार की स्वीकृतियां प्राप्त करने में किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने संतोष जाहिर किया किया व्यापार करने में सुगमता में राज्य 7वें स्थान पर है, लेकिन इसमें सुधार किया जाना चाहिए और वह इस क्षेत्र में हिमाचल को देश में अव्वल स्थान पर देखना चाहते हैं।

उद्योग मंत्री ने कहा कि विभिन्न केन्द्रीय योजनाओं का कार्यान्वयन सही प्रकार से व प्रभावी ढंग से होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभाग को राज्य में आने वाली औद्योगिक इकाईयों में हिमाचली युवाओं को कम से कम 80 प्रतिशत रोज़गार सुनिश्चित बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम का भी प्रभावी क्रियान्वयन होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि राज्य में नई औद्योगिक इकाईयों की स्थापना के लिए भूमि चिन्हित की जानी चाहिए ताकि उद्यमियों के लिए भूमि पहले ही उपलब्ध हो। उन्होंने खादी तथा रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने पर बल दिया क्योंकि दोनों क्षेत्रों में रोज़गार सृजन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।

श्री बिक्रम सिंह ने कहा कि ऊना ज़िला के पंडोगा तथा कांगड़ा ज़िला के कंदरौड़ी अत्याधुनिक औद्योगिक क्षेत्रों के कार्य में तेजी लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में इस प्रकार के और अधिक औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जायेंगे। राज्य में एक समान व संतुलित औद्योगिकरण के लिए ग्रामीण औद्योगिकरण पर आधारित ‘नई औद्योगिक नीति’ तैयार की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि विभाग को निवेश प्रस्तावों की ऑनलाईन तथा समयबद्ध स्वीकृतियां सुनिश्चित बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि नए उद्योग स्थापित करने के लिए धारा-118 के अंतर्गत स्वीकृतियां को विशेष मामलों के तौर पर निपटाना चाहिए।

उद्योग मंत्री ने कहा कि राज्य में अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इससे न केवल पर्यावरण को नुक्सान पहुंच रहा है बल्कि राज्यकोष को भी भारी क्षति पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि खनन स्थल तथा खदानों की नीलामी पारदर्शी तरीके से की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि खनन अधिकारियों को नियमित निरीक्षण सुनिश्चित बनाने चाहिए और अवैध खनन को रोकने के लिए विशेष उड़न दस्तों का गठन किया जाना चाहिए।

उद्योग विभाग के निदेशक श्री राजेश शर्मा ने मंत्री का स्वागत किया और विभाग की विभिन्न गतिविधियों का विस्तृत ब्यौरा दिया। उन्होंने विभाग के विभिन्न अंगों की कार्य प्रणाली पर एक प्रस्तुति भी दी। उन्होंने मंत्री को आश्वासन दिया कि विभाग सरकार की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए समर्पण भाव के साथ कार्य करेगा।

विभाग के अतिरिक्त निदेशक श्री अनुपम कश्यप ने मुख्यातिथि का स्वागत किया।
उद्योग विभाग के प्रधान सलाहकार श्री राजेन्द्र चौहान, राज्य भू-वैज्ञानिक श्री रजनीश शर्मा, खादी बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री संजय सांजटा तथा विभाग के अन्य अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे

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