- August 18, 2018
ग्यारह वर्षाे से न्यायालय में लंबित —
हिमांशु त्रिवेदी———– अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश प्रतापगढ श्री अमित सेहलोत ने गौवंश तस्करी के 11 वर्ष पूराने मामले में अभियुक्त जाबीर खां पिता हैदर खां मुसलमान, शब्बीर पिता अब्दुल रहमान मुसलमान, मुबारिक पिता वली मोहम्मद मुसलमान निवासीयान मुल्तानपुरा जिला मन्दसौर म.प्र. को गौवंश अधिनियम के तहत तीन तीन वर्ष के कठोर करावास की सजा व एक एक हजार रू. के जुर्माने से दण्डित किया।
प्रकरण की जानकारी देते हुए विशिष्ठ लोक अभियोजक आशुतोष जोशी एवं पशुकु्ररता निवारण समिति प्रतापगढ के कार्यकारी सचिव रमेशचन्द्र शर्मा ने बताया कि दिनांक 05.04.2007 को धमोतर थाना प्रभारी श्री हरीशचन्द्रसिंह चुण्डावत ने पुलिस कांस्टेबल भंवरलाल अहीर, कालूसिंह एवं गौरक्षक रमेशचन्द्र शर्मा अधिवक्ता एवं दिलीप तिवारी आदि को साथ लेकर धमोतर में नाकेबन्दी शुरू की प्रातः करीब 4.15 पर चित्तौडगढ की तरफ से ट्रक नम्बर एच आर 38-जे 0463 आया।
ड्राईवर से कागजात मागें तो उसने ट्रक में लोहे के बक्शें भरे होने की बिल्टी पेश की चालक के हाव भाव से शंका होने पर ट्रक का तिरपाल हटाकर देखा तो ट्रक में डबल पार्टीशन में 36 गायों को उनके पैरों व गरदन पर रस्सी से बांधकर निर्दयतापूर्वक भर रखी थी।
ट्रक में बैठे व्यक्तियों ने अपने नाम शरीफ खां पिता श्री शकुर खां निवासी मल्हारगढ, जाबीर खां पिता हैदर खां,शब्बीर खां पिता अब्दूल रहमान, मुबारिक पिता वली मोहम्मद खां निवासीयान मुल्तानपुरा जिला मन्दसौर म.प्र. के होना बताया।
ट्रक में एक और नम्बर प्लेट केबिन में मिली जिस पर ट्रक नम्बर एच आर 55 बी 6209 की दो नम्बर प्लेट थी ये लोग बिना अनुज्ञा पत्र के गौवंश को राजस्थान के नसीराबाद से भरकर धूलिया महाराष्ट्र कत्लखाने ले जा रहे थे जिस पर थानाधिकारी धमोतर श्री हरिशसिंह चुण्डावत की सजगता से गौवंश को मुक्त कराया और जप्तशुदा गौवंश को गौशाला छूडवाया।
इस प्रकरण में पुलिस ने राजस्थान गौवंश अधिनियम 1995 की धारा 3-5-6-8-9-10 एवं पशुक्रुरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 3-11 व धारा 120 बी-467-468-471-474-475 भा.द.स. के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर गौवंश नसीराबाद से भरे वहां से लेकर धूलिया महाराष्ट्र कत्लखाने ले जाने तक अनुसंधान किया एवं अनुसंधान के बाद चारों के विरूद्ध न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया दौराने विचारण शरीफ खां पिता शकुर खां निवासी मल्हारगढ की मृत्यु हो गई थी।
अभियुक्तगण बिना अनुज्ञा पत्र के ट्रक में 36 गायो को भरकर ट्रक में लोहे के बक्से की फर्जी बिल्टी बनाकर ट्रक के अन्दर दो नम्बर प्लेट साथ में थी जिन पर अलग अलग नम्बर थे एवं ट्रक को तिरपाल से पैक कर गौवंश को राजस्थान से धूलिया महाराष्ट्र कत्लखाने प्रस्थापित कर रहे थे परन्तु तत्कालिन थाना प्रभारी की सक्रीयता से गौवंश मुक्त कराया गया।
विचारण के दौरान विशिष्ठ लोक अभियोजक 17 गवाहों के बयान लेखबद्ध कराकर दस्तावेज प्रदर्शित कराये। अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश प्रतापगढ ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जाबिर खां, शब्बीर खां, मुबारिक खां को तीन तीन वर्ष के कठोर कारावास एवं एक एक हजार के जुर्माने से दण्डित किये जाने का निर्णय सुनाया।
(रमेश चंद्र शर्मा, अधिवक्ता)