गारंटी अधिनियम-2010 नागरिक अधिकारों को सशक्त बनाने का अभिनव प्रयास

गारंटी अधिनियम-2010 नागरिक अधिकारों को सशक्त बनाने का अभिनव प्रयास

मध्यप्रदेश लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम-2010 नागरिक अधिकारों को सशक्त बनाने का अभिनव प्रयास है। यह कानून मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश में किये जा रहे सुशासन के प्रयासों की महत्वपूर्ण कड़ी है। इसके माध्यम से आम जन को चिन्हित सेवाएँ समय-सीमा में प्रदान करने की गारंटी दी गई है। सुशासन की यह देश में अपनी तरह की एक ऐतिहासिक एवं क्रांतिकारी पहल है। यह कानून मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान सरकार की जन-प्रतिबद्धता का स्पष्ट प्रमाण है।

अधिनियम के दायरे में अब तक 23 विभाग की 161 सेवाएँ अधिसूचित की जा चुकी हैं। इसमें से 102 सेवा के ऑनलाइन आवेदन लिये जा रहे हैं। प्रदेश में लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अन्तर्गत अब तक प्राप्त 3 करोड़ 44 लाख ऑनलाइन आवेदन में से 3 करोड़ 17 लाख आवेदन का निराकरण कर दिया गया है। अधिनियम में लोक सेवा प्रदान करने में कोताही बरतने वाले अधिकारियों पर अर्थदण्ड लगाने का प्रावधान भी किया गया है। अब तक 274 पदाभिहित अधिकारी पर 13 लाख 82 हजार रुपये से अधिक का जुर्माना किया गया है। जुर्माने में प्राप्त राशि में से 541 आवेदक को 5 लाख 20 हजार की राशि प्रतिकर के रूप में भुगतान की जा चुकी है।

मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने अधिसूचित सेवाओं को समय-सीमा में नागरिकों को प्रदान करने की कानूनी गारंटी दी है। इसके बाद देश के अन्य 20 से अधिक राज्य जैसे बिहार, पंजाब,उत्तराखण्ड, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और झारखण्ड आदि ने भी ऐसे कानून बनाये हैं।

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