- November 6, 2015
खाद्य सुरक्षा अधिनियम: तथ्यों की जांच
जयपुर – राज्य सरकार ने आदेश जारी कर खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्र लोगों के नाम जोडने एवं अपात्र व्यक्तियों के नाम हटाने की प्रक्रिया निर्धारित की है।
आदेश के अनुसार खाद्य सुरक्षा सूची में नाम जुडवाने के लिए सम्बन्धित व्यक्ति साधारण कागज पर प्रार्थना पत्र के साथ समावेशन पात्रता श्रेणी के आधारभूत दस्तावेज संलग्न कर प्रथम अपील सम्बन्धित क्षेत्र के उपखण्ड अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर सकता है।
उपखण्ड अधिकारी अपील अथवा स्वप्रेरणा से प्रकरण दर्ज रजिस्टर कर किसी भी अधिकारी के द्वारा प्रकरण प्रार्थना पत्र की जांच करवा सकेंगे। उपखण्ड अधिकारी प्राप्त अपील को गामीण क्षेत्रों में ग्राम सभा एवं शहरी क्षेत्रों में सम्बन्धित स्थानीय निकाय बोर्ड से अनुमोदन के लिए ग्रामीण क्षेत्र में विकास अधिकारी एवं शहरी क्षेत्र में आयुक्त अथवा अधिशाषी अधिकारी, स्थानीय निकास को प्रेषित करेगें।
आदेश में बताया गया है कि अनुमोदन के उपरान्त उपखण्ड अधिकारी विधिक परीक्षण कर सुस्पष्ट आदेश कारण सहित जारी कर सकेंगे। जिसके आधार पर सूची में नाम जोडा जा सकेगा। यदि अपील निरस्त कर दी जाती है तो प्रार्थी जिला कलेक्टर (रसद) के समक्ष द्वितीय अपील कर सकते हैं।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 की सूचियों में यदि किन्ही व्यक्ति / व्यक्तियों के नाम गलत जोडे गये हैं, तो इसे हटवाने हेतु सक्षम अधिकारी के समक्ष दस्तावेजों सहित अपील अथवा स्वप्रेरणा से प्रकरण दायर किया जा सकता है, जिन व्यक्तियों के नाम कटवाने हेतु अपील की जानी है, तो अपील कर्ता निष्कासन संबंधी आधारभूत दस्तावेज मय प्रार्थना पत्र उपखण्ड अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करेगा।
आदेश में यह स्पष्ट किया गया है अपील प्राप्त होने पर उपखण्ड अधिकारी (अपीलान्ट अधिकारी) इसे दर्ज रजिस्टर कर यदि आवश्यक समझे तो तथ्यों की जांच कर सम्बन्धित ग्राम पंचायत अथवा स्थानीय निकाय की वार्ड सभा अथवा ग्राम सभा में अनुमोदन के लिए प्रेषित करेंगे। अनुमोदन होने के पश्चात् अपील अधिकारी प्रभावित पक्ष को सुनवाई का अवसर देते हुए विधिक परीक्षणों के बाद अपना निर्णय पारित करेगा।
इस प्रक्रिया में प्रथम अपील उपखण्ड अधिकारी तथा द्वितीय अपील जिला कलक्टर (रसद) से की जा सकती है। उन्होंने बताया कि अपील प्रस्तुत करने व उस पर निर्णय करने के उपरान्त निर्धारित प्रक्रिया का पूर्ण पालन किया जायेगा।