खाद्य पदार्थों में अखाद्य रंगों की शिकायत 9340597097 पर करें

खाद्य पदार्थों में अखाद्य रंगों की शिकायत  9340597097 पर करें

रायपुर—–राज्य शासन के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने कारोबारियों से खाद्य पदार्थों में अखाद्य रंगों का उपयोग नहीं करने करने की अपील की है। विभाग ने आमजनों से भी अपील की है कि वे रंगयुक्त खाद्य पदार्थों के इस्तेमाल के पूर्व उसमें मिले रंग के बारे में जानकारी प्राप्त कर लें। विभाग ने लोगों से कहा है कि अखाद्य रंगों के प्रयोग की जानकारी मिलने पर हेल्पलाइन नंबर 9340597097 पर शिकायत करें। उनकी शिकायतों पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने लोगों को सावधान किया है कि खाद्य कारोबारियों द्वारा खाद्य पदार्थों में अखाद्य रंगों का उपयोग किया जा रहा है, जबकि अखाद्य रंग के पैकेट या डिब्बे में स्पष्ट लिखा होता है कि यह रंग खाद्य पदार्थ के लिए नहीं है।

इन अखाद्य रंगों का इस्तेमाल ज्यादातर चाट के ठेलों, जलेबी दुकान, होटलों आदि में किया जाता है। इसी तरह मिठाई, लड्डू आदि में चांदी वर्क की जगह एल्यूमिनियम वर्क का उपयोग हो रहा है। अखाद्य रंगों के खाद्य पदार्थों में मिलावट से आंतों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचता है जो बाद में कैंसर का कारण बनता है।

खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 की धारा-59 के तहत खाद्य पदार्थों में अखाद्य रंग के उपयोग पर आजन्म कारावास एवं 10 लाख रूपए जुर्माना की सजा हो सकती है। खाद्य कारोबारी अधिकांशतः गाय छाप रंग का प्रयोग करते है।

यह अखाद्य रंग है जो औद्योगिक उपयोग के लिए है। बाजार में यह जलेबी और लड्डू रंग के नाम से बेचा जाता है। इसका उपयोग खाद्य पदार्थों में नहीं किया जा सकता। खाद्य कारोबारियों को आवश्यक होने पर खाद्य रंग का इस्तेमाल न्यूनतम मात्रा में ही करना चाहिए।

खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने आगाह किया है कि खाद्य वस्तुओं में मिलावट के कारण बहुत गंभीर बीमारियां तेजी से बढ़ती जा रही है। वर्तमान में अखाद्य रंग और एल्यूमिनियम वर्क का इस्तेमाल खाद्य पदार्थों में अधिक हो रहा है जो कि कैंसर तथा अन्य बीमारियों का मुख्य कारण है।

Related post

हमारे भारत में, लाखों लोग यहां रह रहे हैं, जिन्हें रहने का कोई अधिकार नहीं है

हमारे भारत में, लाखों लोग यहां रह रहे हैं, जिन्हें रहने का कोई अधिकार नहीं है

पीआईबी : (नई दिल्ली)  उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़  ने अवैध प्रवास पर गंभीर चिंता व्यक्त…
भाषा मानवता को समझने का एक पासपोर्ट है- श्री टिम कर्टिस, निदेशक, यूनेस्को प्रतिनिधि

भाषा मानवता को समझने का एक पासपोर्ट है- श्री टिम कर्टिस, निदेशक, यूनेस्को प्रतिनिधि

पीआईबी दिल्ली : इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) ने 21 और 22 फरवरी 2025 को…
रक्षा मंत्रालय  के साथ ₹697.35 करोड़ के अनुबंध पर हस्ताक्षर

रक्षा मंत्रालय  के साथ ₹697.35 करोड़ के अनुबंध पर हस्ताक्षर

पीआईबी( दिल्ली) — रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना के लिए 697.35…

Leave a Reply