- July 2, 2015
खरीफ क्षेत्राच्छादन का लक्ष्य 125.92 लाख हेक्टेयर
इस वर्ष प्रदेश में खरीफ क्षेत्राच्छादन का लक्ष्य 125.92 लाख हेक्टेयर है। विगत वर्ष विभागीय अनुमान के अनुसार 123.80 लाख हेक्टेयर में कुल खरीफ फसलों की बोवाई की गयी थी। लक्ष्य के विरुद्ध अब तक कुल 51 लाख 39 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न खरीफ फसलों की बोवाई हो चुकी है। यह लक्ष्य का 40.8 प्रतिशत है। पिछले वर्ष की तुलना में बोवाई का यह प्रतिशत 41.9 प्रतिशत है। प्रदेश में खरीफ फसलों की बोवाई तेजी से चल रही है। विशेष रूप से मालवा क्षेत्र में पर्याप्त वर्षा के बाद मौसम के खुलने से किसानों ने सोयाबीन की बोवाई तत्परता से की है। विगत वर्ष समान अवधि में बोई गयी खरीफ फसलों की तुलना में बोवाई की दर अधिक है। जिलों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक खाद्यान्न फसलें लगभग 10 लाख हेक्टेयर में बोई जा चुकी हैं। यह इन फसलों के लिये रखे गये लक्ष्य 39 लाख 67 हजार हेक्टेयर का 25 प्रतिशत है। इनमें मक्का की बोवनी सर्वाधिक 6.88 लाख हेक्टेयर में हुई है। विभाग द्वारा मक्का की बोवाई का लक्ष्य इस वर्ष 11.50 लाख हेक्टेयर रखा गया है। इस प्रकार निर्धारित लक्ष्य से लगभग 60 प्रतिशत रकबे में मक्का बोई जा चुकी है। धान की बोवाई 1.90 लाख हेक्टेयर में हुई है। लक्ष्य 21.60 लाख हेक्टेयर है। अभी बोया गया ज्यादातर धान सिंचित क्षेत्र में बोया गया है। इसकी मुख्य फसल की बोवाई की नर्सरी तैयार की जा रही है, जिसे पर्याप्त वर्षा के बाद ही खेतों में रोपा जायेगा। दलहन फसलों में तुअर और उड़द का कुछ हिस्सा किसानों द्वारा बोया गया है। दलहन के कुल लक्ष्य 16.55 लाख हेक्टेयर में से 2.77 लाख हेक्टेयर की बोवाई किसानों ने की है। प्रदेश में खरीफ की प्रमुख फसल सोयाबीन की इस वर्ष निर्धारित 56.50 लाख हेक्टेयर की तुलना में अब तक 32.68 लाख हेक्टेयर में बोवनी की गयी है। यह लक्ष्य का लगभग 58 प्रतिशत है। खरीफ मौसम में बोई जाने वाली अन्य तिलहनी फसलें- मूँगफली, तिल एवं रामतिल की छुट-पुट बोवनी मिलाकर कुल तिलहन 33.42 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोया गया है। कपास की बोवनी 5.27 लाख हेक्टेयर में की गयी है, जो लक्ष्य 6.20 लाख हेक्टेयर का 85 प्रतिशत है। संचालक कृषि श्री मोहन लाल के अनुसार बोवाई की वर्तमान स्थिति संतोषप्रद है। गत वर्ष इस अवधि में कुल 1.97 प्रतिशत रकबा ही बोया गया था। वर्षा यदि उचित अंतराल पर आती रही तो प्रदेश में बोवाई के शत-प्रतिशत लक्ष्य से भी आगे क्षेत्राच्छादन संभव है। बोये गये क्षेत्रों में अंकुरण की स्थिति आमतौर पर सामान्य है। विभाग द्वारा आदानों की पूर्ति भी लगातार जारी है और अनुमानित माँग के अनुसार जिलों में उर्वरक, बीज तथा दवाओं का भण्डारण करवाया जा रहा है। |