कोसा और लाख उत्पादन आमदनी का बेहतर जरिया

कोसा और  लाख उत्पादन आमदनी का बेहतर जरिया

रायपुर —(छत्तीसगढ)—– साल वनों में कोसा उत्पादन और जंगल के अन्य वृक्षों में लाख उत्पादन छत्तीसगढ़ के हजारों वनवासी परिवारों के लिए आमदनी का बेहतर जरिया साबित हो रहे हैं। राज्य के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के ग्राम ताम्बेश्वर नगर निवासी श्री जयगोविंद गांव में बनाए गए अपने स्व-सहायता समूह के सदस्यों के साथ कोसा एवं लाख उत्पादन के साथ ही जंगल की सुरक्षा भी करते है।

श्री जयगोविंद कोसा और लाख से एक ही सीजन में लगभग 9 हजार रूपए लाभ कमा लेते हैं। उन्होंने स्मार्टफोन भी खरीद लिया है और अब टेलीविजन और दोपहिया गाड़ी खरीदन की तैयारी में है।

श्री जयगोविंद कहते है कि दोपहिया लेने बाद इस काम को और बढ़ायेंगे, दूर गावों में जाकर लोगों को प्रोत्साहित और प्रशिक्षित करेंगे। बलरामपुर जिले के तहसील रामानुजगंज के ग्राम ताम्बेश्वर नगर निवासी श्री जयगोविंद पिता श्री मानिकचंद बताते हैं कि वे अपनी थोड़ी सी खेती-बाड़ी और रोजी-मंजूरी करके गुजर-बसर करते थे।

श्री जयगोविंद को मुख्यमंत्री सायकल सहायता योजना से सायकल मिलते ही उसे पंख लग गया। वह प्रतिदिन अपना काम पूरा करके आय का अतिरिक्त जरिया खोजने सायकल से निकल पड़ता था। वह वन विभाग से जानकारी और प्रशिक्षण लेकर कोसा और लाख उत्पादन के काम में लग गया। जयगोविंद ने अपने गांव के आस-पास के तीन गांवों के 20 युवकों को इस काम के लिए तैयार कर शिव स्व सहायता समूह बनाया।

स्व-सहायता समूह ने वर्ष 2014 में लाख और कोसा उत्पादन शुरू किया तब केवल चार क्वििंटल लाख बिहन का उत्पादन हुआ था । वर्ष 2016-17 में 40 क्विंटल लाख बिहन और 12 क्वििंटल कोसा उत्पादन हुआ। श्री जयगोविंद ने बताया कि लाख बिहन 150 रूपए किलो एवं कोसा दो रूपए प्रति नग के हिसाब बिकता है।

श्री जयगोविंद अपने साथी श्रीनाथ एवं श्री झीमल पोया, चन्दनपुर के साथ विगत 5 दिसम्बर को बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ विकास खण्ड के ग्राम दोहना में आयोजित तेन्दूपत्ता तिहार में कोसा और लाख बिहन का प्रदर्शन कर लोगों को जानकारी दे रहे थे।

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