• July 20, 2020

कोरोना बिमारी से मृत्यु वाले शव को गुलाबी घाट में घुसने नहीं दिया जा रहा

कोरोना बिमारी से मृत्यु वाले शव को गुलाबी घाट में घुसने नहीं  दिया जा रहा

(उदय शरण ,पटना)

बिहार की कहानी ही निराली है , पटना जिले में दो शमशान घाट हैं, बांस घाट और गुलाबी घाट।

कोरोना बिमारी से मृत्यु वाले शव को गुलाबी घाट में घुसने नहीं दिया जा रहा है, बांस घाट में विधुत_शव_दाह_गृह बंद पड़ा है, जिसका सरकारी रेट 300/- रुपये हैं।

लाश जलाने के लिए, कालाबाजारी शुरू हो गई है, मृतक के परिवार वालों से प्रति शव 15000/- रुपये से लेकर 20,000/- रुपये तक लकड़ी दुकान वाले वसूल रहें हैं।

घाट पर के डोम राजा को इस पैसे से कोई लेना देना नहीं है, क्योंकि किसी भी शव को मुखाग्नि जैसे कर्मकांड का पालन नहीं हो रहा है।

सिर्फ एम्बुलेंस से शव उतार कर, चिता पर फेक दिया जा रहा है, एम्बुलेंस से शव उतारने में भी मृतक के परिवार वाले भी डर से छु नहीं रहें हैं। इसके लिए घाट पर के डोम जाति के लड़कों को प्रति शव एक हजार रुपये दिये जा रहें हैं,और वो लड़के भी दो पैसे के लालच में, बिना P. P. E कीट के ही हाथ से शव को एम्बुलेंस से उतार कर सीधे चिता पर फेंक कर आग लगा दे रहें हैं।

किसी को सबूत चाहिए, तो किसी भी दिन रात 9 बजे बांस_घाट पहूंच जाइए।

(व्हाट्सएप स्रोत)

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