- May 5, 2023
कोयला क्षेत्र परियोजना : 2027 तक 67 फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी
खानों से कोयले के सड़क द्वारा ढुलाई को खत्म करने के लिए मंत्रालय ने एफएमसी परियोजना के तहत मशीनीकृत कोयला ढुलाई और लोडिंग प्रणाली में सुधार की योजना विकसित की है। क्रशिंग, कोयले का आकार, और त्वरित कंप्यूटर-असिस्टेड लोडिंग कोल हैंडलिंग प्लांट्स (सीएचपी) और रैपिड लोडिंग सिस्टम वाले एसआईएलओ के फायदे हैं।
कम मानवीय हस्तक्षेप, सटीक पूर्व-तौलित मात्रा, तेज लोडिंग, और बेहतर कोयले की गुणवत्ता – ये सभी एफएमसी परियोजनाओं के लाभ हैं। लदान समय कम होने पर रेक और वैगन अधिक आसानी से उपलब्ध होंगे। सड़कों पर कम ट्रैफिक होने की वजह से प्रदूषण कम होगा और डीजल की खपत भी कम होगी।
कोयला मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2025 में 1.3 बिलियन टन और वित्त वर्ष 2030 में 1.5 बिलियन टन कोयला उत्पन्न करने का लक्ष्य रखा है ताकि भारत की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाया जा सके और आयातित कोयले की जगह घरेलू रूप से खनन किए गए कोयले को प्रतिस्थापित करके आत्मनिर्भर भारत की तरफ कदम बढ़ाया जा सके। एक प्रमुख उद्देश्य पर्यावरण के अनुकूल, त्वरित और लागत प्रभावी कोयला परिवहन का विकास है।