कोटपा एक्ट के तहत 104 व्यावसायिक संस्थानों पर कार्यवाही

कोटपा एक्ट के तहत 104 व्यावसायिक संस्थानों पर कार्यवाही

बिलासपुर——— गैर संचारी रोग कार्यक्रम अंतर्गत राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत तम्बाकू सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव के प्रति जागरूकता लाने एवं विभिन्न तम्बाकू उत्पादों के प्रयोग को हतोत्साहित करने के उद्देश्य से कोटपा एक्ट के तहत विभिन्न व्यावसायिक संस्थानों, निजी होटलों, पान स्टाल, निजी बार आदि का निरीक्षण किया गया और सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम 2003 के धारा 4 एवं 6 के तहत 104 संस्थानों पर चालानी कार्यवाही की गयी।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बिलासपुर ने बताया कि आगामी महीनों में भी विभिन्न संस्थानों में जिला स्तरीय समन्वय समिति इनफोर्समेंट दल द्वारा निरीक्षण किया जायेगा एवं अधिनियम के उल्लंघन पर कार्यवाही की जायेगी।

ज्ञात हो कि कोटपा एक्ट के धारा 4 के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान अपराध है, सार्वजनिक स्थानों के प्रभारी/मालिक हर प्रवेश द्वार एवं हर मंजिल में सुस्पष्ट स्थान पर 60 ग 30 बउ का सफेद पृष्ठभूमि का बोर्ड लगाना सुनिश्चित करेंगे, बोर्ड जिसमें 15 सेमी व्यास की परिमिति होगी, जिसकी चैड़ाई 3 सेमी से कम नहींहोगी तथा इतनी ही मोटाई की एक कटा घेरे के केन्द्र में काले धुएं के साथ सिगरेट अथवा बीड़ी के चित्र को काटती हुए प्रदर्शित होगी, बोर्ड के नीचे प्रभारी/मालिक (जिसके पास उल्लंघन की शिकायत की जानी है) का नाम व फोन नंबर लिखा हो, यदि सार्वजनिक का मालिक/प्रभारी उल्लंघन करने पर कार्यवाही नहीं करता है तो उस पर व्यक्तिगत अपराधों की संख्या के समतुल्य जुर्माना लगाया जायेगा, सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट लाईटर एवं बीड़ी सिगरेट जलाने के लिए उपकरण (माचिस), एश ट्रे इत्यादि उपलब्ध नहीं करवायें जायेंगे, केवल तीस कमरों से ज्यादा वाले होटल, तीस व्यक्तियों से ज्यादा बैठने की क्षमता वाले भोजनालय एवं एयरपोर्ट में अलग स्मोकिंग जोन बनाया जा सकता है, लेकिन वह केवल कानूनी प्रावधानों के अनुरूप की बनाया जा सकता है, उक्त नियमों के उल्लंघन पर 200 रूपये तक का जुर्माना किया जा सकता है।

धारा 5

तम्बाकू पदार्थों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबन्ध हैं, तम्बाकू पदार्थों को बेचने वाली की दुकान पर 60ग45 बउ काले अक्षरों में सफेद पृष्ठ भूमि का बोर्ड लगा सकते हैं, जिसके ऊपरी भाग में 60ग30 बउ चैड़े भाग पर तम्बाकू से कैंसर होता है, लिखा होना चाहिए, उस बोर्ड पर सिर्फ तम्बाकू पदार्थों की सूची लगा सकते हैं, जैसे की बीड़ी, सिगरेट, गुटका, खैनी इत्यादि, तम्बाकू पदार्थों को बेचने वाली दुकान पर लगे बोर्ड चमकदार (बिजली युक्त) नहीं होनी चाहिए, टेलीविजन व फिल्मों में तम्बाकू के दृश्यों को दिखाना अपराध है, उक्त नियमों के उल्लंघन पर 1 से 5 साल की कैद व 1000 व 5000 रूपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।

धारा 6

18 वर्ष से कम आयु वर्ग को तम्बाकू पदार्थ बेचना अपराध है, 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के द्वारा पदार्थ बेचना अपराध है, नाबालिगों को तम्बाकू पदार्थ बिक्री स्थान पर दिखाई नहीं देने चाहिए, बिक्री के साथपर एक बोर्ड लगाना आवश्यक है, शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में तम्बाकू पदार्थ बेचना अपराध है, शिक्षण संस्थानों के प्रभारी को प्रत्येक प्रवेश द्वार पर एक बोर्ड लगाना अपराध है, जिसमें लिखा कि तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान, इस शिक्षण संस्थान के 100 गज के दायरे में तम्बाकू पदार्थ बैच अपराध है, उक्त नियमों के उल्लंघन पर 200 रूपये तक का जुर्माना किया जा सकता है।

धारा 7

बिना चित्रित व वैधानिक चेतावनी के तम्बाकू पदार्थ के पैकेट बेचना अपराध है, यह चित्रित वैधानिक चेतावनी उपभोक्ताओं को बेचे जाने वाले प्रत्येक पैकेट 40 प्रतिशत भाग पर स्पष्ट रूप छपे जाने आवश्यक है, चित्रित वैधानिक चेतावनी प्रति वर्ष बदलनी आवश्यक है, यह चित्रित वैधानिक चेतावनी चबाने वाले और पीने वाले तम्बाकू में निम्न रूप में छपी होनी चाहिए उक्त नियमों के उल्लंघन पर 2 से 5 साल की कैद व 1000 से 10000 रूपये का जुर्माना किया जा सकता है।

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