- September 4, 2021
केंद्रीय जांच ब्यूरो से सफलता दर (सक्सेस रेट) पर डेटा — सुप्रीम कोर्ट
दिल्ली केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई की कार्यशैली से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने एजेंसी से सक्सेस रेट बताने को कहा है।
सीबीआई द्वारा मुकदमा चलाए जा रहे मामलों में अत्यधिक देरी का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अदालती मामलों में एजेंसी की सफलता दर (सक्सेस रेट) पर डेटा मांगा है। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट सीबीआई के प्रदर्शन का मूल्यांकन कर सकता है।
द एक मामले में सीबीआई द्वारा 542 दिनों की देरी के बाद अपील दायर किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की और उसने केंद्रीय एजेंसी के कामकाज बंद करके उसके परफॉर्मेन्स का विश्लेषण करने का फैसला किया।
रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक को निर्देश दिया है कि वह उन मामलों की संख्या को कोर्ट के सामने रखें, जिनमें एजेंसी ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्टों में अभियुक्तों को दोषी ठहराने में सफल रही।
कोर्ट ने यह भी पूछा है कि सीबीआई निदेशक कानूनी कार्यवाही के संबंध में विभाग को मजबूत करने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं?
जस्टिस संजय किशन कौल और एमएम सुंदरेश की बेंच ने कहा कि सीबीआई की कुछ जवाबदेही होनी चाहिए।
दो जजों जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि एजेंसी के लिए केवल मामला दर्ज करना और जांच करना ही काफी नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि अभियोजन सफलतापूर्वक किया जाए।
पीठ ने सीबीआई से अभी निपटाए जा रहे केसों और सफलतापूर्वक पूरे किए गए मामलों का पूरा विवरण मांगा है। सीबीआई को यह भी ब्योरा देने के लिए कहा गया है कि अदालतों में कितने मामले लंबित हैं और कितने समय से हैं।