कृषि विभाग व जाईका के बीच समझौता

कृषि विभाग व जाईका के बीच समझौता

हिमाचल प्रदेश——————————प्रदेश कृषि विभाग व जापान इन्टरनेशनल कोआप्रेशन एजेंसी (जाईका) के बीच फसल विविधिकरण के लिए द्वितीय चरण की परियोजना के समझौता ज्ञापन पर कृषि मंत्री श्री सुजान सिंह पठानिया की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। प्रदेश सरकार की ओर से सचिव कृषि श्रीमती अनुराधा ठाकुर तथा जाईका की ओर से जाईका के भारत स्थित प्रमुख प्रतिनिधि श्री तकेमा सममोतो ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

कृषि मंत्री श्री सुजान सिंह पठानिया ने कहा कि कृषि विभाग ने फसल विविधिकरण योजना का पहला चरण नवम्बर, 2015 में सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। उन्होंने कहा कि फसल विविधिकरण की नई परियोजना राज्य के लिए 5 वर्षों अर्थात 2016 से 2020 तक होगी। उन्होंने कहा कि जाईका द्वारा वित्त पोषित 321 करोड़ रुपये की ऋण परियोजना भी कार्यान्वयन के अन्तर्गत है।

श्री पठानिया ने कहा कि द्वितीय चरण की टीसी परियोजना का उद्देश्य राज्य के पांच जिलों में कृषि पारिस्थितिकी के अनुकूल फसल विविधिकरण के पुनर्विस्तार के माध्यम से किसानों की आजीविका स्तर में सुधार लाना है। इन जिलों में बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मण्डी तथा ऊना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि परियोजना फसल विविधिकरण माॅडल में वृद्धि करने पर बल देती है, जिसे टीसी परियोजना चरण के अन्तर्गत विकसित किया गया है।

परियोजना पांच जिलों में किसानों को प्रशिक्षण एवं विस्तार सेवाओं के माध्यम से फसल विविधिकरण के प्रोत्साहन के लिए कृषि विभाग की संगठनात्मक क्षमता की मजबूती को सुदृढ़ करना सुनिश्चित बनाएगी। इसके अतिरिक्त, प्रभावी विपणन गतिविधियों को चिन्हित करना तथा पंचवर्षीय योजनाओं का निर्माण करना भी परियोजना का उद्देश्य है।

कृषि मंत्री ने कहा कि परियोजना की गतिविधियां 200 से अधिक सिंचाई उप-परियोजना को कार्यान्वित कर 3710 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया जाएगा तथा इसका संचालन व विकास कार्यन्वित की जा रही ऋण परियोजना जाईका के अन्तर्गत किया गया है।

उन्होंने कहा कि परियोजना में जाईका के जापानी विशेषज्ञों को सब्जी की खेती, फसल कटाई के उपरान्त की गतिविधियों, विपणन, जल प्रबन्धन, महिला सशक्तिकरण तथा सामाजिक समावेश में सहयोग करने के लिए भेजा जाएगा। उन्होंने कि जापान में प्रबन्धन स्तर के अधिकारियों, फिल्ड अधिकारियों तथा कृषक विकास संघ के सदस्यों के लिए क्षमता विकास प्रशिक्षण की योजना बनाई गई है।

कृषि निदेशक श्री एस.आर. कालिया, कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति श्री के.के. कटोच, कृषि विभाग व जाईका के प्रतिनिधि भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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