- April 17, 2018
कुपोषित बच्चों के लिये वरदान -पोषाण पुनर्वास केन्द्र
रायपुर———- राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों के लिए 72 पोषण पुनर्वास केन्द्र संचालित किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 15 और नवीन पोषण पुनर्वास केन्द्रों की स्वीकृति भी प्रदान की गई है।
पोषण पुनर्वास केन्द्र गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है। इन केन्द्रों के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2017-18 में राज्य के नौ हजार से अधिक कुपोषित बच्चे स्वस्थ्य हुए है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को चिकित्सकीय देखभाल के साथ ही समय पर पर्याप्त और उचित भोजन प्रदाय किया जा रहा है।
पोषण पुनर्वास केन्द्र में 6 माह से 59 माह तक के गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को जिनमें चिकित्सकीय जटिलताएं हो उन्हें केन्द्र में भर्ती कर, चिकित्सकीय देखभाल तथा उचित पोषण दिया जाता है। वर्ष 2017-18 में 9 हजार से अधिक बच्चों को केन्द्र में भर्ती किया गया जहां वे स्वस्थ्य हुए।
अधिकारियों ने बताया कि गंभीर कुपोषित बच्चों को समुदाय स्तर से मितानीन तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा एनआरसी रिफर किया जाता है। चिकित्सकों द्वारा रिफर किए हुए बच्चों का आंकलन कर उन्हें भर्ती कर आवश्यक सलाह और दवाईयां हैं। पोषण पुनर्वास केन्द्र संवेदनात्मक एवं भावनात्मक देखभाल प्रदान करता है। माताओं अथवा अन्य देखभाल करने वालो को उचित भोजन प्रथाओं को प्रदर्शित कर कौशल निर्माण किया जाता है।
अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक बच्चे को 15 दिवस तक भर्ती कर आवश्यक चिकित्सकीय देखभाल तथा उचित पोषण आहार दिया जाता है। भर्ती बच्चे के साथ रूकने वाली मां या उनके अभिभावक को कार्य नुकसान की भरपाई के लिए प्रतिदिन 150 रूपए के मान से अधिकतम 2250 रूपए पन्द्रह दिवस के लिए प्रदान किए जाते हैं।
केन्द्र में भर्ती बच्चो को शुरूआत के कुछ दिन स्थिरीकरण किए जाने के लिए विशेष चिकित्सकीय आहार के रूप में एफ-75 तथा एफ-100 खुराक खिलाया जाता है। जब बच्चा स्थिर हो जाता है तथा उसकी भूख वापस आ जाती है तब विशेष आहार के साथ उसे साफ व गर्म खाना पकाकर भी खिलाया जाता है।
इस खाना को बनाने की विधि मां को भी सिखाई जाती है, जिससे की डिस्चार्ज होने के बाद भी मां बच्चे को घर में यह भोजन पकाकर खिला सके।