- June 22, 2017
कुपोषण मुक्ति के लिए बस्तर संभाग में विशेष अभियान
रायपुर — मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज शाम यहां अपने निवास पर महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि कुपोषण मुक्ति के लिए बस्तर संभाग में विशेष अभियान चलाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बच्चों में कुपोषण दूर करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। बस्तर संभाग के जिलों में इसके लिए विशेष रूप से कार्ययोजना तैयार कर उस पर अमल किया जाए।
मुख्यमंत्री ने किशोरी बालिकाओं में खून की कमी (एनिमिया) दूर करने और गर्भवती महिलाओं को अच्छा पोषण आहार देने की योजनाओं पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि बच्चों और महिलाओं के कल्याण की योजनाओं के क्रियान्वयन में अधिकारी और अधिक लगाव और संवेदनशीलता के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि मजदूर महिलाओं के लिए श्रम विभाग द्वारा अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, इन योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक महिलाओं को दिलाने के उद्देश्य से श्रम विभाग की योजनाओं का क्रियान्वयन आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से किया जाना चाहिए। श्रम विभाग की योजनाओं के बारे में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में बताया कि लोक सुराज अभियान के दौरान उन्होंने स्वयं प्रदेश के विभिन्न जिलों में आंगनबाड़ी केन्द्रों में जाकर वहां बच्चों से मुलाकात की और वहां संचालित योजनाओं तथा बच्चों की शिक्षा के स्तर की जानकारी भी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में सहायिकाएं और कार्यकर्ता काफी अच्छा काम कर रही हैं।
बस्तर संभाग के अबूझमाड़ के गांव और कवर्धा जिले के बोड़ला विकासखण्ड स्थित समनापुर गांव के आंगनबाड़ी केन्द्रों में जाकर प्रसन्नता हुई। वहां बच्चों ने गिनती, अंग्रेजी वर्णमाला और हिन्दी तथा अंग्रेजी कविताएं पूरे आत्मविश्वास के साथ सुनाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों की बेहतर देखभाल के उद्देश्य से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अस्पतालों में दो दिन का प्रशिक्षण दिलाने के लिए कार्ययोजना तैयार की जानी चाहिए। इससे बच्चों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की देखभाल के बारे में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की जानकारी बढ़ेगी और साफ-सफाई के महत्व को भी वे अच्छे से समझ सकेंगी।
मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों को राजधानी रायपुर में मानसिक रूप से बीमार महिलाओं के लिए संचालित आश्रय गृह का हर महीने कम से कम एक बार दौरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये महिलाएं जब स्वस्थ हो जाएं तो पुनर्वास की समुचित व्यवस्था करते हुए उन्हें अपने पैरों पर खड़े होने के लिए कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती एम.गीता को जशपुर और रायगढ़ का दौरा करने और वहां विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा के निर्देश दिए।
अधिकारियों ने बैठक में बताया कि प्रदेश में शुचिता योजना के अंतर्गत 20 जिलों की 2022 शालाओं में सेनेटरी नेपकिन इकाईयां स्थापित की गई हैं। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना में उत्कृष्ट क्रियान्वयन के लिए रायगढ़ जिले को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। वर्ष 2015-16 में शिशु लिंगानुपात 918 था, जो वर्ष 2016-17 में बढ़कर 934 हो गया है। नोनी सुरक्षा योजना के अंतर्गत इस एक अप्रैल 2014 से 31 मार्च 2017 तक 34 हजार 417 बालिकाओं का पंजीयन किया गया है।
इस योजना के अंतर्गत बालिका का 18 वर्ष तक विवाह नहीं होने तथा कक्षा 12वीं तक शिक्षा पूर्ण होने पर बालिका को एक लाख रूपए की राशि देने का प्रावधान है। महतारी जतन योजना के अंतर्गत प्रदेश में पिछले वर्ष डेढ लाख से अधिक महिलाएं लाभान्वित हुई हैं।
सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत प्रदेश में 10 वर्ष तक की आयु की बालिकाओं के चार लाख 48 हजार खाते खोले गए हैं। इन खातों में वार्षिक ब्याज दर 8.4 प्रतिशत होगी। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत वर्ष 2005-06 से वर्ष 2016-17 तक 69 हजार 806 कन्याओं का विवाह कराया गया। सूखा प्रभावित किसानों की बारह हजार 996 बेटियों का विवाह कराया गया। वर्ष 2017-18 में विभागीय प्रयासों से 460 बाल विवाह रोके गए।
बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशीला साहू, मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव श्रीमती एम.गीता, जनसम्पर्क विभाग के संयुक्त सचिव श्री राजेश सुकुमार टोप्पो और मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव श्री मुकेश बंसल सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।