- July 23, 2015
किसानों से वसूले जाने वाले 6% कमीशन समाप्त -दिल्ली उच्च न्यायालय
शिमला – प्रदेश के किसानों एवं बागवानों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को दिल्ली की आजादपुर मण्डी में कमीशन ऐजेंटों द्वारा प्रदेश के किसानों से वसूले जाने वाले 6 प्रतिशत अवैध कमीशन को हटाने का निर्णय सुनाया है।
हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड के प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के इस ऐतिहासिक निर्णय से देश के फल एवं सब्जी उत्पादकों को बड़ी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के साथ समय-समय पर यह मामला उठाया गया और हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने न्यायालय में भी एक याचिका दायर की थी, जहां यह दलील दी गई कि आढ़ती बागवानों एवं किसानों से उत्पाद की बिक्री पर बहुत ज्यादा कमीशन वसूल रहे हैं.
आढ़तियों द्वारा 6 प्रतिशत अवैध कमीशन वसूलने के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा सुनाए गए फैसले की सराहना करते हुए हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष डा. सुभाष मंगलेट ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह एवं कांग्रेस सरकार के प्रभावी प्रयासों के कारण ही यह संभव हुआ है। प्रदेश सरकार ने बार-बार भारत सरकार के समक्ष यह मामला उठाया और अन्ततः प्रदेश के किसानों को राहत प्रदान करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी बात रखी।
डा. मंगलेट ने कहा कि वर्ष 1994 में जब श्री वीरभद्र सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब यह मामला केन्द्र सरकार के समक्ष उठाया गया था और तब से कमीशन एजेंटों के चंगुल से किसानों को बचाने के लिए यह लड़ाई लगातार जारी थी। उन्होंने कहा कि 1999 से 2014 तक किसानों से 6 प्रतिशत की दर से कमीशन के साथ 2 प्रतिशत बाजार शुल्क वसूल कर 800 करोड़ रुपये का अवैध कमीशन वसूला गया। उन्होंने कहा कि यह मामला अन्य पहाड़ी राज्यों के साथ और राज्य कृषि विपणन बोर्ड परिषद में भी उठाया गया ताकि किसानों के हितों की आवाज को एक सांझे मंच से उठाया जा सके।
डा. मंगलेट ने कहा कि कमीशन एजेंटों द्वारा भी बोर्ड के विरूद्ध दिल्ली उच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी, जिसे दिल्ली उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी प्रदेशवासियों की सच्ची हितैसी है और इस निर्णय से लाखों किसान लाभान्वित होंगे, जिसका श्रेय प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार को जाता हैै।