किसानों के संकट के कारण 29 नवंबर को समारोह नहीं

किसानों के संकट के कारण 29 नवंबर को समारोह  नहीं

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उनके मुख्यमंत्रित्व के दस साल पूरे होने पर 29 नवंबर, 2015 को कोई समारोह नहीं होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसान अवर्षा, अल्पवर्षा के कारण बड़े पैमान पर प्रभावित हुई फसलों के कारण संकट में हैं। ऐसे में यह उचित नहीं है कि प्रदेश या मैं जश्न मनाऊं। श्री चौहान ने कहा कि समारोह के स्थान पर सेवा का महाकुंभ लगाया जायेगा। श्री चौहान छिन्दवाड़ा जिले के ग्राम जाम सावंली में दीनदयाल अंत्योदय मेला सह-जिला स्तरीय स्वच्छता उत्सव कार्यक्रम में बोल रहे थे।

श्री चौहान ने कहा कि जाम सावंली में भव्य हनुमान मंदिर बनवाया जायेगा। उन्होंने अंत्योदय मेला में 148 करोड़ से अधिक लागत के 164 निर्माण कार्य का भूमि-पूजन एवं लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने खुले में शौचमुक्त 103 ग्राम पंचायत के सरपंच-सचिव को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने प्रतीक स्वरूप 23 हितग्राही को विभिन्न योजना के ऋण-अनुदान एवं सहायता राशि के चेक वितरित किये। उन्होंने दो हितग्राही को वनाधिकार-पत्र भी दिये।

श्री चौहान ने कहा कि किसानों की बर्बाद फसल का सर्वे शीघ्र करवाने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार किसानों के साथ है, उन्हें शीघ्र राहत दी जायेगी। फसल बीमा का पूरा लाभ दिलवाया जायेगा। उन्होंने कहा कि साधिकार अभियान में पूरा प्रशासन जनता के पास जाये और पात्र व्यक्तियों को लाभान्वित करे। श्री चौहान ने कहा कि किसानों को खेती का पेटर्न बदलना चाहिए। उन्होंने बताया कि 31 अक्टूबर को कृषि टास्क फोर्स की बैठक में किसानों के हित में अनेक निर्णय लिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि गरीब, किसान एवं असहाय लोगों के नि:शुल्क इलाज की पूरी व्यवस्था की जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के लिये युवा स्व-रोजगार स्थापित करें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास के लिये सामाजिक सहभागिता के आधार पर खेती, कुटीर उद्योग, स्वच्छता एवं शिक्षा पर ध्यान देना होगा। श्री चौहान ने अपील की कि एक नवंबर को घर के आसपास साफ-सफाई का कार्य करें। उन्होंने कहा कि इस दौरान सूखे के संकट के कारण कोई कार्यक्रम धूमधाम से नहीं होगा। इस मौके पर कृषि मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कांता ठाकुर, विधायक सर्वश्री चौधरी चन्द्रभान सिंह, पंडित रमेश दुबे, नानाभाऊ मोहोड और नत्थन शाह कवरेती सहित अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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