किशोर न्याय बोर्ड की स्थापना

किशोर न्याय बोर्ड की स्थापना

सुकमा —(छ०गढ) —————–  जिला कार्यालय परिसर में स्थित भवन पर 2 मार्च को किशोर न्याय बोर्ड की स्थापना किया गया। किशोर न्याय बोर्ड के उद्घाटन के अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री निर्मल मिंज, कलेक्टर श्री नीरज कुमार बनसोड, पुलिस अधीक्षक श्री डी श्रवण, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी दन्तेवाड़ा श्री मधुसुदन चन्द्राकर, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी सुकमा श्री प्रभाकर ग्वाल, विधिक सेवा प्राधिकरण दन्तेवाड़ा के सचिव श्री एसएस कश्यप सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे। किशोर न्याय बोर्ड की स्थापना के उपरान्त जिले में किशोरों से संबंधित विभिन्न कानूनी प्रकरणों का जिले में सुनवाई किया जाएगा। इसके उपरान्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश व अन्य अतिथियों के द्वारा सुकमा के साईन्स पार्क व साईन्स सेन्टर तथा संयुक्त कार्यालय भवन का अवलोकन किया गया।

विधिक साक्षरता शिविर
जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अध्यक्षता में सुकमा के सामुदायिक भवन में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन जिला न्यायालय और जिला महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया गया। इस अवसर पर सभी अतिथियों ने विधिक साक्षरता पर अपने विचार रखें। जिसमें जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री मिंज ने कहा कि सरकार के द्वारा प्रत्येक वर्ष महिलाओं के अधिकारों से संबंधित कई कानूनों का निर्माण किया जाता रहा हैं।

महिलाएं अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो तथा उनका उपयोग करने की अपील की। इसके अलावा उपस्थित छात्र-छात्राओं को प्रशासन द्वारा दी जा रही शिक्षा सुविधाओं का लाभ लेकर उज्जवल भविष्य बनाने की अपील की। क्षेत्र में फैली नक्सल गतिविधि का समाप्ति का सबसे बड़ा हथियार शिक्षा को माना और इसी आशा के साथ विद्यार्थियों को अच्छी पढ़ाई करने कहा। साथ क्षेत्र के प्राकृतिक सुन्दरता को बनाएं रखने के लिए कहा और स्थाई लोक अदालत, उपभोक्ता फोरम सहित अन्य कानूनों के प्रावधानों की जानकारी उन्होंने दी।

इस अवसर पर सुकमा के मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्री प्रभाकर ग्वाल ने कहा कि कानूनों की जागरूकता के आधार से ही आम जनता अपने कानूनी अधिकार के प्रति सजग होगें और समाज की उन्नति के लिए सभी को कानूनी प्रावधानों की जानकारी होनी चाहिए। इस विधिक शिविर के माध्यम से घरेलु हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम 2005 तथा कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीडन अधिनियम 2013 सहित कानूनों की जानकारी दी जा रही हैं, इसका लाभ महिलाओं को लेना चाहिए।

समाज में शक्ति स्वरूपा देवियों की पूजा की जाती रही हैं। साथ ही शिक्षा के प्रति महिलाओं में जागरूकता जरूरी हैं। किसी भी प्रकार की घटना-दुर्घटना के लिए कानूनों के प्रावधानों का उपयोग करें। सुकमा जिले के बच्चों के प्रति किसी भी प्रकार गलत व्यवहार के लिए कानूनी सहायता के लिए किशोर न्याय बोर्ड की स्थापना की गई हैं, इसका लाभ लेवें।

इस अवसर पर दन्तेवाड़ा मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्री मधुसुदन चन्द्राकर तथा विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव दन्तेवाड़ा श्री एसएस कश्यप के द्वारा विभिन्न कानूनी प्रावधानों का उल्लेख करते संबोधन किए- साथ ही दोनों ने कहा कि विधिक सेवा के तहत् सिविल क्रीमिनल केस में महिलाओं एवं गरीब लोगों को निःशुल्क सेवा दी जाती हैं। साथ ही किशोर न्याय बोर्ड के माध्यम से बच्चों के बचपन को संरक्षित कर देश के विकास में बच्चों को सहयोगी बनाने के लिए कहा गया।  महिलाओं के अधिकारों के संरक्षण से संबंधित विभिन्न कानूनों का उन्होंने उल्लेख किया।

इस अवसर पर सुकमा के सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्री मनोज सिंह, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री सुधाकर बोदले ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर आईपीएस श्री संतोष सिंह, अपर कलेक्टर श्री एसआर महिलांग, एसडीओपी श्री राजकुमार मिंज, श्री परमानन्द कोशले सहित अन्य अधिकारीगण, कर्मचारीगण, गणमान्य नागरिक और स्कूली छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें।

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