करीब 7 लाख 25 हजार काश्तकारों को ब्याज मुक्त फसली सहकारी ऋण उपलब्ध

करीब 7 लाख 25 हजार काश्तकारों को  ब्याज मुक्त फसली सहकारी ऋण उपलब्ध

जयपुर——– सहकारिता मंत्री श्री अजय सिंह किलक ने बताया है कि मई माह के अंत तक ही राज्य में करीब 7 लाख 25 हजार काश्तकारों को 2 हजार 850 करोड़ रुपए से अधिक के ब्याज मुक्त फसली सहकारी ऋण उपलब्ध कराए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि फसली सहकारी ऋण वितरण में तेजी लाने के साथ ही सहकारी क्षेत्र की उर्वरक उत्पादक संस्था इफको ने डीएपी की दरों में प्रति बैग 50 रुपए की कमी कर सहकारी समिति के सदस्य काश्तकारों को बड़ी राहत दी है। coopmin

सहकारिता मंत्री श्री किलक गुरूवार को यहां प्रमुख शासन सचिव सहकारिता डॉ. ललित मेहरा और रजिस्ट्रार डॉ. रेखा गुप्ता के साथ खरीफ के लिए ऋण वितरण प्रगति की समीक्षा कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि किसानों के हित में बड़ा फैसला करते हुए फसली सहकारी ऋण लेने वाले सभी काश्तकारों को दुर्घटना बीमा से जोड़ते हुए ऋणी सदस्यों से प्रीमियम की आधी राशि केवल 27 रुपए ही लिए जाएंगे।

प्रीमियम की शेष आधी राशि सहकारी बैंकों द्वारा वहन की जाएगी। इस वर्ष से बीमा लाभ भी 3 लाख रु. से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया गया है। देश के सहकारी क्षेत्र में ऋणी सदस्यों को दुर्घटना से अनहोनी की स्थिति में दी जाने वाली यह सर्वाधिक राशि है। उन्होंने बताया कि इफको डीएपी की दरों में 50 रुपए प्रति बैग कमी करने से काश्तकारों को 80 करोड़ रुपए कम देने पड़ेंगे और इसका लाभ सीधे काश्तकारों को मिलेगा।

सहकारिता मंत्री ने बताया कि इस वर्ष खरीफ में काश्तकारों को 8 हजार 500 करोड़ रुपए के फसली सहकारी ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है। सभी 29 केन्द्रीय सहकारी बैंकों को खरीफ के लिए फसली ऋण वितरण के लक्ष्य जारी कर ग्राम सेवा सहकारी समितियों के सदस्य काश्तकारों को फसली सहकारी ऋण वितरण आरंभ कर दिया गया है। खरीफ के लिए फसली सहकारी ऋण का वितरण अगस्त माह तक होता है। लेकिन अच्छे मानसून व फसली चक्र शीघ्र शुरु होने की संभावना को देखते हुए सभी बैंकों को खरीफ के लिए निर्धारित ऋण वितरण लक्ष्यों को जून माह तक ही पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने बताया कि निरंतर संपर्क के बावजूद नाबार्ड द्वारा अभी तक इस वर्ष की ऋण नीति जारी नहीं की गई है जिससे इस वर्ष फसली ऋण के लिए नाबार्ड द्वारा दिए जाने वाली पुनर्वित्त प्रतिशत की जानकारी प्राप्त नहीं हो पा रही है। उन्होंने बताया कि नाबार्ड की ऋण नीति जारी नहीं होने के बावजूद किसानों के हित में खरीफ के लिए ऋण वितरण के तदर्थ लक्ष्य जारी करते हुए ऋण वितरण जारी कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि राज्य में फसली सहकारी ऋण वितरण व्यवस्था के सरलीकरण और पारदर्शी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए अधिक से अधिक काश्तकारों को सीधे खातें में ऋण राशि का हस्तांतरण किया जा रहा है। जिन काश्तकारों के खाते अभी तक नहीं खुले हैं उन काश्तकारों को पेक्स से फसली सहकारी ऋण वितरण के साथ ही खातें खुलवाने की औपचारिकता भी पूरी कराई जा रही हैं साथ ही पेक्स को ऋण वितरण में पहले की तरह मार्जिन दिया जा रहा है।

सहकारिता मंत्री श्री किलक ने बताया कि जयपुर जिले में ही जयपुर केन्द्रीय सहकारी बैंक द्वारा 74 हजार से अधिक काश्तकारों को 277 करोड़ रुपए से अधिक के ऋण दिए जा चुके हैं। जयपुर संभाग में 1 लाख 97 हजार किसानों को 693 करोड़ रु., कोटा संभाग में एक लाख 15 हजार किसानों को 589 करोड़ रु., जोधपुर संभाग में एक करोड़ 18 लाख काश्तकारों को 495 करोड़ रु., भरतपुर संभाग में एक करोड़ 17 लाख काश्तकारों को 355 करोड़ रु., उदयपुर संभाग में 61 हजार काश्तकारों को 280 करोड़ रु. व अजमेर संभाग में 70 हजार से अधिक काश्तकारों को 190 करोड़ रु. के फसली सहकारी ऋण वितरित किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि फसली सहकारी ऋणों का वितरण जारी है।

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