कंपनी अधिनियम और निधि संशोधन नियम 2019 के संशोधित

कंपनी अधिनियम और निधि संशोधन नियम 2019 के संशोधित

नई दिल्ली———– कंपनी अधिनियम और निधि संशोधन नियम 2019 के संशोधित प्रावधानों के अनुसार निधि कंपनी के तौर पर फॉर्म एनडीएच-4 में निधि कंपनियां अपनी स्थिति/घोषणा को अपडेट करने के लिए केंद्र सरकार के पास आवेदन करेंगी

निधि कंपनियों के लिए नियामक व्यवस्था को ज्यादा प्रभावी और देश के कारपोरेट वातावरण में पारदर्शिता और निवेशक अनुकूल उद्देश्यों को पूरा करने के लिए, केंद्र सरकार ने हाल में कंपनीज एक्ट और नियम के तहत एनआईडीएचआई से संबंधित प्रावधानों में संशोधन किया है। (15 अगस्त 2019 से प्रभावी)

कंपनीज एक्ट (धारा 406) और निधि रूल्स (जैसा 15 अगस्त 2019 को संशोधित किया गया) के संशोधित प्रावधानों के तहत निधि कंपनियों को अपनी स्थिति/घोषणा के अपडेशन के लिए केंद्र सरकार के पास फॉर्म एनडीएच-4 में आवेदन करना जरूरी है।

फॉर्म एनडीएच-4 में केंद्र सरकार के पास आवेदन करने के लिए समय सीमा कुछ इस प्रकार से है:-

1- निधि संशोधन रूल्स 2019 से पहले (यानी 15 अगस्त 2019) निधि के तौर पर शामिल कंपनियों को उसके निगमन की तारीख से एक साल की अवधि के भीतर या निधि संशोधन नियम यानी 15 अगस्त 2019 से 9 महीने के भीतर, जो बाद में हो, आवेदन करना होगा।

2- निधि संशोधन नियम 2019 यानी 15 अगस्त 2019 को या बाद में निधि के तौर पर निगमित कंपनियों को निगमन की तारीख या बढ़ी हुई अवधि (संबंधित क्षेत्रीय निदेशक द्वारा मिली) से एक साल की समाप्ति के 60 दिनों के भीतर आवेदन करना होगा।

अगर कोई कंपनी उपरोक्त आवश्यकताओं का अनुपालन नहीं करती है तो उसे फॉर्म नंबर एसएच-7 (शेयर कैपिटल के किसी भी परिवर्तन के लिए रजिस्ट्रार को नोटिस) और फॉर्म पीएएस-3 (आवंटन वापस) दाखिल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

ऐसी कंपनियों के लिए संशोधित निधि रूल्स 2014 और कंपनीज एक्ट 1956/2013 के प्रावधान का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना आवश्यक है। इन नियमों के प्रावधानों के उल्लंघन के मामले में कंपनी और उसके प्रत्येक अधिकारी, जो डिफॉल्ट में हैं, को जुर्माने के साथ दंडित किया जाएगा जो 5 हजार रुपये तक हो सकता है और लगातार उल्लंघन पर और भी जुर्माना लग सकता है।

आगे, निवेशकों को किसी निवेश या जमा से पहले आधिकारिक राजपत्र में केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना से निधि कंपनी की स्थिति को सत्यापित करने की सलाह दी जाती है।

निधि नियम 2014 के तहत, निधि एक कंपनी है जिसे अपने सदस्यों के बीच बचत की आदत डालने, जमा राशि प्राप्त करने और पारस्परिक लाभ के लिए केवल अपने सदस्यों को ऋण देने के उद्देश्य से निधि के तौर पर निगमित किया गया है।

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