औरत का सम्मान — उषा गोस्वामी :: बेटियां— हिमानी दानू

औरत का सम्मान — उषा गोस्वामी  ::   बेटियां— हिमानी दानू

मेगडीस्टेट, गरुड़ (बागेश्वर,उत्तराखंड)

औरत से सम्मान मिला है।
धरती का अभिमान बढ़ा है।।

समाज ने छीना है, औरत का अधिकार।
क्यों हर बार दे औरत ही अपना बलिदान।।

उसको न समझो कमजोर।
उसकी शक्ति चारों ओर।।

बने कमिश्नर, बने गर्वनर।
औरत से जुड़ा है, उनका सम्मान।।

कभी माता तो कभी बहन ये।
हर रूप में निभाए कर्म अपना ये।।
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बेटियां : हिमानी दानू
कपकोट, बागेश्वर (उत्तराखंड)

जिसे जन्म लेते ही मार डाला गया।
उसे इस संसार में आने से रोका गया।

क्यों होता है अक्सर बेटियों के साथ ऐसा?
क्यों बेटियों को समझा जाता है बोझ?

क्यों उनको कोसा जाता है?
तुम तो पराए घर की हो।

कह कर सताया जाता है।।
क्यों जन्म लेते ही उसे मार डाला जाता है?

क्यों उसे बोझ समझा जाता है?
बेटियां ही तो आज है, अगर बेटी नहीं होगी?

तो कल भी नहीं होगा।।
बेटियां इस संसार की शान हैं।

अब उन्हे बचाना मेरा अभिमान है।।

(चरखा फीचर)

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