• April 29, 2016

ऑन लाइन व्यापार तथा ब्रांड बनाने के लिए ई-कॉमर्स :- मंत्री कैप्टन अभिमन्यु

ऑन लाइन व्यापार तथा ब्रांड बनाने के लिए  ई-कॉमर्स :- मंत्री कैप्टन अभिमन्यु

चण्डीगढ़ —- हरियाणा सरकार ने सूक्षम, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) द्वारा तैयार किए गये उनके उत्पादों के लिए ऑन लाइन व्यापार तथा ब्रांड बनाने के लिए ई-कॉमर्स लिंकेज के लिए एक योजना तैयार की है। इस सम्बन्ध में आज यहां जानकारी देते हुए उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने बताया कि इस योजना के तहत राज्य में ई-कॉमर्स केे माध्यम से रोजगार सृजन, औद्योगिक आउटपुट और गुणवत्ता बढ़ोतरी पर प्राथमिक तौर पर ध्यान दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि डिजिटल वाणिज्य के जुडऩे से एसएमई को खर्च को कम करते हुए मानव संसाधन और परिसम्पति में निचले स्तर से उनके उद्योग को बढ़ावा देने का काम करेगा।

ऑनलाइन बाजार उनके उद्योग को बढ़ावा देने का काम करेगा तथा नये बाजार की शुरूआत होगी एवं परम्परागत आपूर्ति की चेन के माध्यम से बढ़ोतरी, खर्च में कमी, राजस्व में बढ़ोतरी और लाभ का मार्जन बढ़ेगा। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए ई-कॉमर्स के माध्यम से दिए जा रहे लाभदायक अवसरों का उनके उद्योग मॉडल में महत्वपूर्ण बदलाव करने की जरूरत है।

इस योजना की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि इससे ऑनलाइन कैटालोग और डिजिटल विपणन का लाभ का सृजन होगा तथा डिजिटल मार्केटिंग, लोजिस्टिक और सेवाओं की आपूर्ति तथा अदायगी संग्रहण जैसी ऑनलाइन मार्केट द्वारा अन्य सेवाएं भी मुहैया होंगी। एक बार सूचीबद्ध होने के पश्चात उत्पाद भारत सहित दूसरे देशों के उपभोक्ताओं को देखने के लिए उपलब्ध होंगे।

उपभोक्ता सुरक्षित अदायगी प्रणाली और प्रणालीयुक्त नकद अदायगी को सुनिश्चित करते हुए ऑनलाइन उत्पादों को खरीद सकेंगे। उत्पाद डिस्पैच के लिए तैयार होने के पश्चात ऑनलाइन मार्केट प्लेस त्वरित डिलिवरी सुनिश्चित करेगा तथा उपभोक्ताओं द्वारा ऑर्डर की सूचना बिके्रता को देगा।

वित्तीय सहायता के सम्बन्ध मेंं जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि उद्योग विभाग एमएसएमई इकाइयों के लिए कार्यशाला और सेमिनार आयोजित करवाएगा, जो उत्पादों के निर्माण से जुड़े हैं तथा जो ऑनलाइन मार्केट प्लेस में सूचीबद्ध हो सकते हैं।

ऐसी कार्यशालाओं और सेमिनारों का खर्च ई-कॉमर्स गतिविधियों के लिए रखे गये कोष से होगा, जिसमें प्रति वर्कशॉप एक दिन के लिए अधिकतम 20,000 रुपये होगें, जिसमें कान्फ्रेंस हाल की व्यवस्था, विशिष्ट वक्ताओं का मानदेय और भागीदारों की रिफै्रशमैंट शामिल है।

विभाग ई-कॉमर्स कम्पनियों की सेवाएं भी लेगा। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन मार्केट प्लेस की सूचीबद्ध सभी पात्र निर्माता एमएसएमई इकाइयों को अधिकतम 50,000 रुपये की राशि प्रतिपूर्ति एक वित्तवर्ष के भीतर की जाएगी, जिसमें पंजीकरण खर्च, चार महीने की लगातार अवधि का उद्योग शामिल है।

प्रतिपूर्ति में प्रबन्धन, सृजन, उत्पाद के कैटालोग की अपलोडिंग, जिसमें कम्प्यूटर ऑपरेटर का खर्च, फोटोग्राफी, उत्पाद का विवरण तथा सृजन और ऑनलाइन मार्केट प्लेस द्वारा दी जा रही अन्य सम्बन्धित सेवाएं शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि यह योजना का संचालन पांच वर्ष की अवधि के लिए होगा। ऑनलाइन विपणन कम्पनियों को ई-कॉमर्स में जुडऩे के लिए 14 अगस्त, 2020 तक सहायता दी जाएगी। ई-कॉमर्स लिंकेजिज के लिए खर्च की प्रतिपूर्ति हेतु आवेदन के समय औद्योगिक इकाइयां संचालित होनी चाहिए और सम्बन्धित जिला उद्योग केन्द्र के कार्यालय में उद्योग आधार मैमोरेंडम भी जमा होना चाहिए।

उपरोक्त प्रोत्साहन के लिए इकाइयां विविधिकरण और विस्तार के लिए भी पात्र होंगी। इकाइयां एक वर्ष में एक बार या उत्पादों के उत्पादन के समय पर इसका लाभ लेने के लिए पात्र होंगी। इस सुविधा का विस्तार हर नये उत्पाद के निर्माण के साथ होगा।

उन्होंने बताया कि एमएसएमई इकाइयों को विभाग की ई-बिज पोर्टल पर निर्धारित आवेदन पत्र पर ऑनलाइन मार्केटिंग कम्पनीज की सूची में आने वाली तिथि से 6 महीने की अवधि के भीतर आवेदन करना होगा।

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