एमएसएमई क्षेत्र में दलित उद्यमियों के लिए राष्‍ट्रीय केंद्र का प्रस्‍ताव

एमएसएमई क्षेत्र में दलित उद्यमियों के लिए राष्‍ट्रीय केंद्र का प्रस्‍ताव
सामाजिक न्‍याय मंत्रालय के बजट आबंटन में वृद्धि से समाज कल्‍याण योजनाओं को प्रोत्‍साहन मिलेगा 

एमएसएमई क्षेत्र में दलित उद्यमियों के लिए राष्‍ट्रीय केंद्र का प्रस्‍ताव 

अनुसूचित जाति सब-प्‍लान को 38,800 करोड़ रुपये से अधिक मिले

सुगम्‍य भारत अभियान के लिए विशेष रूप से 193 करोड़ रुपये

पेसूका————-   केंद्रीय सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने कहा है कि यह वर्ष यानी डॉ. बीआर अम्‍बेडकर की 125वीं जयंती वर्ष 2016 अनुसूचित जाति/ जनजाति उद्यमियों के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का वर्ष होगा। इस संबंध में ‘स्‍टैंडअप इंडिया’, और अनुसूचित जाति/जनजाति तथा महिलाओं के उद्य‍मशिलता को प्रोत्‍साहित करने के लिए बजट में 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

यह अनुसूचित जाति/जनजाति के उद्यमों को प्रोत्‍साहित करने तथा उन्‍हें रोजगार ढूंढने की जगह रोजगार प्रदाता बनाने के प्रधानमंत्री के आह्वान के अनुरूप है। इस योजना के अंतर्गत प्रत्‍येक बैंक शाखा में कम से कम दो परियोजनाएं प्रारंभ की जाएंगी। प्रत्‍येक श्रेणी के लिए एक योजना होगी। इससे 2.5 लाख उद्य‍मी लाभान्वित होंगे।

श्री गहलोत सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के लिए 2016-17 के बजट में किए गए प्रावधानों के बारे में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।

उन्‍होंने कहा कि सरकार ने बजट में दलितों में उद्यमशीलता पारिस्थि‍की प्रणाली बनाने के लिए उद्योग संघों के साथ मझोले, लघु और सूक्ष्‍म उद्यम क्षेत्र में राष्‍ट्रीय अनुसूचित जाति तथा जनजाति केंद्र बनाने का प्रस्‍ताव किया है। इस केंद्र से अनुसूचित जाति तथा जनजाति के उद्यमियों को पेशेवर समर्थन मिलेगा और वे केंद्र सरकार की अधिप्राप्ति नीति 2012 के दायित्‍वों को पूरा कर सकेंगे और श्रेष्‍ठ वैश्विक व्‍यवहारों को अपनाकर ‘स्‍टैंडअप इंडिया’ कार्यक्रम से लाभ उठा सकेंगे।

श्री गहलोत ने कहा कि 2016-17 के बजट में अनुसूचित जाति सब-प्‍लान में 38,832 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह पिछले बजट में 30 हजार करोड रुपये था। उन्‍होंने कहा कि यह उपाय दिखाते हैं कि अनुसूचित जाति/ जनजाति सहित समाज के कमजोर वर्गों का कल्‍याण सरकार की प्राथमिकता में सबसे ऊपर है।

उन्‍होंने दिव्‍यांग लोगों के कल्‍याण के लिए उठाए गए कदमों की चर्चा करते हुए कहा कि सरकार इन लोगों को मुख्‍य धारा की गतिविधियों में सक्रिय रूप से लाना चाहती है। हाल में अनेक योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। समयबद्ध कार्ययोजना के अंतर्गत उनके मंत्रालय ने सार्वजनिक स्‍थलों को दिव्‍यांग लोगों की पहुंच के लायक बनाने के लिए कदम उठाया है। 2016-17 के बजट में विशेष रूप से इसी के लिए 193 करोड़ रुपये आबंटित किए गए हैं। चालू वर्ष के अंत तक सरकारी भवनों सहित प्रमुख सार्वजनिक स्‍थानों को दिव्‍यांग लोगों के लिए सुगम बना दिया जाएगा।

उन्‍होंने कहा कि 2016-17 के बजट में ब्रेल पेपर को सीमा शुल्‍क से मुक्‍त करने का प्रस्‍ताव किया गया है। यह छूट सहायक उपकरणों पुनर्वास सहायकों तथा दिव्‍यांग लोगों की अन्‍य वस्‍तुओं पर मिल रही सीमा शुल्‍क छूट के अनुरूप है।

संवाददाता सम्‍मेलन में सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता राज्‍य मंत्री श्री विजय सांपला तथा राज्‍य मंत्री श्री कृष्‍णपाल गुर्जर उपस्थित थे।

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