एनटीपीसी को स्वच्छ ऊर्जा के लिए प्रतिबद्धता के चलते ‘यूनएन’ से मिली सराहना

एनटीपीसी को स्वच्छ ऊर्जा के लिए प्रतिबद्धता के चलते ‘यूनएन’ से मिली सराहना

मुंबई—— भारत की सबसे बड़ी एकीकृत विद्युत कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड को स्वच्छ ऊर्जा के लिए प्रतिबद्धता के चलते यूएन-एनर्जी की को-चेयर एवं सस्टेनेबल एनर्जी फॉर ऑल के महासचिव की विशेष प्रतिनिधि मिस डामिलोला ओगनबियी के द्वारा सराहना पत्र से सम्मानित किया गया है। इस पत्र में यूएन-एनर्जी ने स्वच्छ ऊर्जा के लिए एनटीपीसी की प्रतिबद्धता को स्वीकृत किया है और एनर्जी कॉम्पैक्ट एक्शन नेटवर्क में एनटीपीसी का स्वागत किया है।

एनटीपीसी ने एनर्जी कॉम्पैक्ट के लिए अपनी योजनाओं को प्रस्तुत किया है, जिसमें 2030 तक के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्यों का उल्लेख किया गया है। एनटीपीसी का नेतृत्व सतत विकास लक्ष्य 7 को हासिल करने में उल्लेखनीय योगदान देगा। एनर्जी कॉम्पैक्ट एक्शन नेटवर्क में एनटीपीसी का प्रवेश इसे एनर्जी कॉम्पैक्ट प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण प्रतिनिधी के रूप में स्थापित करता है।

अपने योगदान के साथ एनटीपीसी जीवंत एनर्जी कॉम्पैक्ट कम्युनिटी का हिस्सा बन चुकी है, जो ऊर्जा की दृष्टि से सकारात्मक प्रयास करने के लिए तत्पर है। इस कम्युनिटी को बातचीत, आपसी सहयोग एवं जानकारी साझा करने हेतु मंच प्रदान करने के लिए एनर्जी कॉम्पैक्ट नेटवर्क का उद्घाटन 2022 में किया जाएगा। यूएन-एनर्जी से समर्थन प्राप्त यह नेटवर्क मिलान, तालमेल बनाने और अतिरिक्त प्रतिबद्धताओं को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण उपकरण होगा।

एनटीपीसी ग्रुप की मौजूदा इंस्टॉल्ड क्षमता 67,907.5 मेगावॉट है (संयुक्त उद्यम/ सब्सिडरियों के माध्यम से 13,675 मेगवॉट सहित), जिसमें 49 एनटीपीसी स्टेशन (23 कोयला आधारित, 7 गैस आधारित स्टेशन,1 हाइड्रो, 18 नव्यकरणीय परियोजनाएं) और 26 संयुक्त उद्यम स्टेशन (9 कोयला आधारित, 4 गैस आधारित, 8 हाइड्रो, 1 छोटा हाइड्रो, 2 पवन और 2 सौर पीवी) शामिल हैं। तकरीबन 13,600 मेगावॉट परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं।

संपर्क
रेणु चौधरी
Account Executive
Mumbai,Adfactors PR | M: +91 77180 24461| T: 022 6757 4444

Related post

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…
जलवायु परिवर्तन: IPBES का ‘नेक्सस असेसमेंट’: भारत के लिए एक सबक

जलवायु परिवर्तन: IPBES का ‘नेक्सस असेसमेंट’: भारत के लिए एक सबक

लखनउ (निशांत सक्सेना) : वर्तमान में दुनिया जिन संकटों का सामना कर रही है—जैसे जैव विविधता का…
मायोट में तीन-चौथाई से अधिक लोग फ्रांसीसी गरीबी रेखा से नीचे

मायोट में तीन-चौथाई से अधिक लोग फ्रांसीसी गरीबी रेखा से नीचे

पेरिस/मोरोनी, (रायटर) – एक वरिष्ठ स्थानीय फ्रांसीसी अधिकारी ने  कहा फ्रांसीसी हिंद महासागर के द्वीपसमूह मायोट…

Leave a Reply