- April 4, 2018
एक मुश्त समाधान योजना 2018 लागू
लखनउ–(सू०वि०) ————प्रदेश के किसानों के कल्याण हेतु उ0प्र0 सरकार ने एक मुश्त समाधान योजना 2018 लागू की है।
उ0प्र0 सरकार ने प्रदेश के किसानों की वर्तमान वित्तीय स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए तथा अगले 5 वर्षों में किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य की पूर्ति हेतु प्रदेश के ऐसे कृषक जिन्हे अल्पकालीन ऋण मोचन योजना के अन्तर्गत आच्छादित नहीं किया गया था और जिन्होने दीर्घकालीन निवेश ऋण उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0 से प्राप्त किया था को प्रदेश सरकार की सहमति से एक मुश्त समाधान योजना का लाभ दिया जायेगा। इस योजना के अन्तर्गत 2.63 लाख से अधिक कृषक लाभान्वित होगें।
प्रदेश के सहकारिता मंत्री श्री मुकुट विहारी वर्मा आज यहां उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0,10 माल एवेन्यू लखनऊ में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान यह बातें कहीं। उन्होने बताया कि प्रदेश के किसानों के कल्याण को शीघ्र प्राथमिकता देते हुए उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0 द्वारा लागू की जाने वाली एक मुश्त समाधान योजना 2018 के अन्तर्गत 31 मार्च 1997 तक वितरित ऋण प्रकरणों में कृषकों का समस्त ब्याज माफ किया जाना प्रस्तावित है।
1 अप्रैल 1997 से 31 मार्च 2007 तक ऋण लेने वाले कृषकों से मूलधन के बराबर ब्याज लेकर अवशेष ब्याज की छूट दी जायेगी तथा 1 अप्रैल200 7 से 31 मार्च 2012 के बीच वितरित ऋणों में समझौता करने पर ब्याज में अधिकतम 50 प्रतिशत तक की छूट दी जायेगी।
श्री वर्मा ने बताया कि बैंक द्वारा प्रदेश के पिछड़े व अनुसूचित जाति के किसानों के लिए भारत सरकार के सामाजिक न्यास अधिकारिता मंत्रालय के अन्तर्गत राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग एवं वित्त विकास निगम से वित्तीय सहायता प्राप्त कर रोजगारपरक योजनाओं हेतु कम ब्याज दर पर (6 प्रतिशत वार्षिक) ऋण उपलब्ध कराने की योजना कार्यान्वित की जा रही है जिसके अन्तर्गत 31 मार्च 2018 तक कुल 6531 लाभार्थियों को रू0 39ण्87 करोड़ का ऋण प्रदान किया गया जिसमें 2792 महिलाओं को रू0 22.34 करोड़ का ऋण दिया गया।
भविष्य में बैंक द्वारा नेशनल शिड्यूल कास्ट फाइनेंस डेवलपमेण्ट कारपोरेशन से प्रदेश के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति के कृषकों को भी कम ब्याज दर (6 प्रतिशत वार्षिक) ऋण दिया जाना प्रस्तावित है।
प्रदेश के किसानों की उन्नति एवं आय वृद्धि के लक्ष्य को सर्वोपरि रखते हुए कार्य किया जाये जिससे अधिकाधिक किसान आर्थिक रूप से सम्पन्न हो सके।
श्री वर्मा ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा घोषित ष्ष्फसल ऋण मोचन योजना-2018 लागू की गई है जिसमें निवेश ऋण को सम्मिलित नहीं किया गया है। अतः ऐसे कृषक जो उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक से दीर्घकालीन एवं मध्यकालीन निवेश ऋण प्राप्त किये हैं एवं कतिपय कारणों से अपना बकाया अदा नहीं कर पाये हैं उनके लिए एक मुश्त समाधान योजना-2018 लागू की जा रही है।
इस योजना के अन्तर्गत आच्छादित हो रहे है। इस धनराशि में करोड़ एवं करोड़ है। इस प्रकार योजना लागू होने से 263510 कृषक लाभान्वित होगें।जिन पर 2542.43 कुल बकाया है।
** दिनांक 31 मार्च 1997 अथवा उक्त तिथि से पूर्व वितरित ऋण प्रकरणों में बकायेदार कृषक पर देय अवशेष मूलधन की वसूली की जायेगी तथा उस पर देय समस्त ब्याज माफ कर दिया जायेगा।
** दिनांक 1 अप्रैल 1997 को अथवा उसके पश्चात दिनांक 31 मार्च 2007 तक के मध्य ऋण लेने वाले कृषकए जो दिनाॅक 30 जून 2017 को बकायेदार हो गये हैं। उन्हें अधोलिखित विवरण के अनुसार ब्याज में छूट अनुमन्य की जायेगी।
जिन प्रकरणों में वितरित ऋणराशि के बराबर या अधिक ब्याज की वसूली कर ली गयी हैए उनमें अवशेष मूलधन लिया जायेगा।
जिन प्रकरणों में वितरित ऋणराशि से कम ब्याज की वसूली की गयीए उनमें वितरित ऋण राशि की सीमा तक (पूर्व में वसूल ब्याज को घटाते हुये) अवशेष ब्याज व अवशेष मूलधन की वसूली की जायेगी।
** दिनांक 1 अप्रैल 2007 को अथवा उसके पश्चात दिनांक 31 मार्चए 2012 तक के मध्य ऋण लेने वाले कृषकए जो दिनांक 30 जूनए 2017 को बकायेदार हो गये हैं। उन्हें अधोलिखित विवरण के अनुसार ब्याज में छूट अनुमन्य की जायेगी।
बकायदारों कृषकों पर देय समस्त मूलधन की शत.प्रतिशत वसूली की जायेगी।
योजना के प्रारम्भ होने की तिथि से दिनांक 31ण्07ण्2018 तक के मध्य समझौता कर खाता बन्द करते हैं ब्याज में 50 प्रतिशत की छूट अनुमन्य की जायेगी।
दिनांक 01.08.2018 से दिनांक 31.10.18 के मध्य समझौता कर खाता बन्द करते हैं ब्याज में 40 प्रतिशत की छूट अनुमन्य की जायेगी।
** दिनांक 01.11.2018 से दिनांक 31.1.19 के मध्य समझौता कर खाता बन्द करते हैं ब्याज में 35 प्रतिशत की छूट अनुमन्य की जायेगी।
इस अवसर पर विशेष सचिव सहकारिता मो0 जुनीद उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0 के प्रबन्ध निदेशक श्री के0पी0 सिंह उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक लि0 के मुख्य महाप्रबन्धक श्री रमेश बाबू गुप्ता महाप्रबन्धक प्रशासन श्रीमती शैलकुमारी सहायक महाप्रबधक अविनाश सचान सहित अन्य सम्बधित अधिकारी आदि उपस्थित थे।
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