- June 4, 2015
ऊंट अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र
जयपुर – राज्य में ऊंट अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र पीपीपी मोड पर स्थापित करने के सम्बन्ध में बुधवार को कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री प्रभूलाल सैनी कीउपस्थित में प्रस्तुतीकरण दिया गया। पंत कृषि भवन में इस सम्बन्ध में आयोजित बैठक में वी.आर.एस.इन्फ्राटैक तथा आयुर्वेद रिसर्च फाउन्डेशन द्वारा दिए गए इस प्रस्तुतीकरण में आयुर्वेद प्रोग्रीन हाइड्रोपोनिक्स ग्रीन हाउस तकनीक से कम पानी में एक भूमि के टुकड़े पर हरा चारा व धान की नर्सरी उत्पादन करने के बारे में जानकारी दी गई।
श्री सैनी ने प्रस्तुतीकरण की सराहना करते हुए कहा कि ऊंट प्रजनन केन्द्र की राज्य में आवश्यकता है तथा इस तरह के प्रस्तुतीकरण से राज्य पशु ऊंट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है। उन्होंने औषधीय पौधों एवं उपयोग के बारे में बहुमूल्य जानकारी देते हुए औषधीय पौधों के महत्व को ध्यान में रखते देखते हुए इस क्षेत्र में कार्य करने वाले सभी संबंधित संस्थाओं को आमंत्रित कर एक राष्ट्रीय कार्यशाला शीघ्र आयोजित कराने के लिए शासन सचिव व आयुक्त कृषि एवं उद्यानिकी को निर्देेश भी दिए।
वी.आर.एस. इन्फ्राटैक के प्रतिनिधि ने अपने प्रस्तुतीकरण में ऊॅंटों की प्रतिवर्ष घटती जनसंख्या एवं ऊंट की उपयोगिता, राज्य की परिस्थितियों में स्थायित्वता को देखते हुए देशी ऊंट नस्लों के आनुवांशिक सुधार के बारे में जानकारी दी। उन्होंने प्रस्तुतीकरण में ऊंटों की बीमारियों के प्रबन्धन, ऊंट के दूध की सुरक्षा अवधि एवं मूल्य संवद्र्वन तथा सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक परिपे्रक्ष्य में ऊंट का ईको टूरिज्म एवं मनोरंजन की गतिविधियों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।
बैठक में आयुर्वेद रिसर्च फाउन्डेशन ने हाइड्रोपोनिक्स तकनीक द्वारा पौष्टिक हरा चारा उत्पादन करने की तकनीक तथा उत्पादित हरे चारे का प्रस्तुतीकरण भी दिया। इसके साथ ही हाइड्रोपोनिक्स तकनीक द्वारा धान की नर्सरी तैयार करने के बारे में भी जानकारी दी गई।
इस अवसर पर कृषि, उद्यानिकी एवं पशुपालन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अशोक सम्पतराम, पशुपालन विभाग के शासन सचिव श्री अश्विनी भगत, कृषि एवं उद्यानिकी के शासन सचिव व आयुक्त श्री कुलदीप रांका सहित संबधित विभागों के अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
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