• October 19, 2018

उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को देनी होगी आपराधिक मामलों की जानकारी——निर्वाचन व्यय लेखों के साथ ही जमा करना होगा घोषणा प्रकाशन का प्रमाण

उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को देनी होगी आपराधिक मामलों की जानकारी——निर्वाचन व्यय लेखों के साथ ही जमा करना होगा घोषणा प्रकाशन का प्रमाण

रायपुर– विधानसभा निर्वाचन के उम्मीदवारों को अपने आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से मतदाताओं को देनी होगी।

राजनीतिक दलों को अपनी वेबसाइट पर भी पार्टी के उम्मीदवारों के आपराधिक मामलों की जानकारी प्रदर्शित करनी होगी। राजनीतिक दलों को यह जानकारी अखबारों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी प्रकाशित-प्रसारित करवानी होगी।

भारत सरकार के कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी अधिसूचना के आधार पर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नामांकन दाखिले के दौरान प्रस्तुत किए जाने वाले हलफनामा के प्रारूप-26 में संशोधन किया गया है।

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार ऐसे उम्मीदवार जिनके विरूद्ध आपराधिक मामले पंजीबद्ध हैं या पूर्व में रहे हैं, उन्हें अपने विरूद्ध दर्ज प्रकरणों की जानकारी अपनी संबद्धता के राजनीतिक दल को देनी होगी। साथ ही उन्हें संबंधित रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष घोषित करना होगा कि उन्होंने अपने आपराधिक प्रकरणों की सूचना अपने दल को दे दी है।

उम्मीदवारों को अपने विरूद्ध दर्ज आपराधिक मामलों की जानकारी आयोग द्वारा निर्धारित प्रारूप (सी-1) में क्षेत्र के बहुप्रसारित समाचार पत्र में तीन अलग-अलग तिथियों में प्रकाशित कराना होगा। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि से लेकर मतदान के दो दिन पूर्व तक इस तरह की घोषणा का प्रकाशन अनिवार्य है।

उम्मीदवार को टेलीविजन चैनल पर भी तीन अलग-अलग तिथियों में आपराधिक मामलों की घोषणा प्रसारित करवानी होगी। टी.व्ही. चैनल पर यह घोषणा मतदान समाप्ति के 48 घंटे पूर्व तक प्रसारित करवायी जा सकती है।

मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दलों को अपने उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि की घोषणा वेबसाइट पर प्रदर्शित करना होगा। साथ ही आयोग द्वारा निर्धारित प्रारूप (सी-2) में क्षेत्र में वृहद रूप से प्रसारित समाचार पत्र में तीन अलग-अलग तिथियों में इसे प्रकाशित कराना होगा।

नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि से लेकर मतदान के दो दिन पूर्व तक इस तरह की घोषणा का प्रकाशन अनिवार्य है। राजनीतिक दलों को टेलीविजन चैनल पर भी तीन अलग-अलग तिथियों में आपराधिक मामलों की घोषणा प्रसारित करवानी होगी। दलों को टी.व्ही. चैनल पर इस घोषणा का प्रसारण मतदान समाप्ति के 48 घंटे पहले सुनिश्चित कराना होगा।

रिटर्निंग अधिकारी प्रत्याशियों को समाचार पत्रों और टी.व्ही. चैनलों में वृहद प्रचार के लिए आपराधिक मामलों की घोषणा के प्रकाशन-प्रसारण के संबंध में आयोग द्वारा निर्धारित प्रारूप (सी-3) में स्मरण पत्र जारी करेंगे।

उम्मीदवार निर्वाचन व्यय लेखों के साथ ही घोषणा प्रकाशन के प्रमाण के तौर पर समाचार पत्रों की प्रतियां भी जिला निर्वाचन अधिकारी के पास जमा करेंगे। प्रारूप सी-1 और सी-2 का विवरण और इनसे संबंधित निर्देश भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट www.eci.nic पद (डब्लू डब्लू डब्लू डॉट ईसीआई डॉट एनआईसी डॉट इन) तथा छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की वेबसाइट www.ceochhattisgarh.nic पर (डब्लू डब्लू डब्लू डॉट सीईओ छत्तीसगढ़ डॉट एनआईसी डॉट इन) पर उपलब्ध है।

संबंधित रिटर्निंग ऑफिसर से भी विवरण और निर्देश की प्रति प्राप्त किये जा सकते हैं।

Related post

यशपाल का आजादी की लड़ाई और साहित्य में योगदान

यशपाल का आजादी की लड़ाई और साहित्य में योगदान

  कल्पना पाण्डे———प्रसिद्ध हिन्दी कथाकार एवं निबंधकार यशपाल का जन्म 3 दिसम्बर 1903 को फिरोजपुर (पंजाब) में हुआ था। उनके…
साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…

Leave a Reply