- November 18, 2022
उद्यमिता दिवस : आत्मनिर्भर महिला उद्यमियों की सफलता का उत्सव— फ्लिपकार्ट
देश के स्वदेशी मार्केटप्लेस फ्लिपकार्ट ने हमेशा ही कारोबारों में महिला मालिकों और उद्यमियों को ई-कॉमर्स उद्योग में आगे बढ़ने के लिए बढ़ावा दिया है। महिला उद्यमियों को ऑनलाइन कारोबार में आगे बढ़ने के अपने प्रयासों के अंतर्गत प्लेटफॉर्म ने कई ऐसे कार्यक्रम शुरू किए हैं जिसने पूरे देश की महिलाओं को सफलता की नई कहानियां गढ़ने का मौका दिया है। चूंकि हम इंटरनेशनल वूमेंस आंत्रप्रेन्योरशिप डे ऑर्गनाइजेशन के नेतृत्व में महिला उद्यमिता दिवस मना रहे हैं, ऐसे में फ्लिपकार्ट भारतीय महिलाओं की कुछ प्रेरणादायक कहानियां साझा की हैं जिन्होंने सभी मुश्किलों का सामना करते हुए उद्यमिता के अपने सफर में सफलता हासिल की है।
भारतीय महिला उद्यमियों के साथ फ्लिपकार्ट के सहयोग के माध्यम से यह पेशेवर तौर पर आगे बढ़ने की उनकी महत्वाकांक्षा और सफलता पाने की उनके प्रयासों को प्रोत्साहित करता है। हाल ही में फ्लिपकार्ट ने उद्योग के लिहाज़ से पहली बार मार्केटप्लेस से जुड़ी नीतियों में कुछ बदलाव किए हैं और समावेशी ई-कॉमर्स ईकोसिस्टम स्थापित करने के लिए नई क्षमताएं स्थापित की हैं, ताकि पूरे देश की महिला सेलर पार्टनर्स की वृद्धि, समृद्धि और सशक्तिकरण की दिशा में योगदान दिया जा सके।
यहां देश के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाली फ्लिपकार्ट की महिला विक्रेताओं की सफलता की कहानियां दी गई हैं जिससे स्थानीय कारोबार में डिजिटल बदलावों की वजह से आ सकने वाले सुधारों की संभावनाओं का पता चलता है। साथ ही, यह भी पता चलता है कि इससे सफल उद्यमी बनने की चाहत रखने वाली महिलाओं को कितनी मदद मिल सकती है।
चारू गुप्ता एक उभरती हुई और स्वतंत्र महिला हैं। उन्होंने हमेशा से यह माना है कि कड़ी मेहनत का कोई और उपाय होता है। पार्टी से जुड़ी चीज़ें और घर की सजावट की चीज़ों का कारोबार करने वाली साईकारा कलेक्शंस के संस्थापक के तौर पर, शुरुआती वर्षों में उनके लिए अपने कारोबार को आगे बढ़ाना मुश्किल था। अपने छोटे से कारोबार का मालिक बनने से पहले वह कई नौकरियां करती रहीं, लेकिन परिवार में आए संकट की वजह से उन्होंने अपना कारोबार शुरू करने की दिशा में पहला कदम बढ़ाया। हालांकि, 5,000 रुपये की शुरुआती पूंजी के साथ उन्होंने अपनी खुद की कंपनी शुरू की। फ्लिपकार्ट से मिले मार्गदर्शन और अपने प्रियजनों की मदद से उन्होंने अपने छोटे से कारोबार को तेज़ी से बढ़ती हुई कंपनी बना दिया और छह महीने के भीतर फ्लिपकार्ट पर अपने कारोबार के लिए गोल्ड टैग हासिल कर लिया।
अपने मंत्र, साहस और दृढ़ता के साथ-साथ अपने परिवार के कुछ बड़ा करने की इच्छा के साथ वह लगातार आगे बढ़ती रहीं। अपने सफर को याद करते हुए उन्होंने कहा, “आज 5 करोड़ रुपये का कुल टर्नओवर का लक्ष्य हासिल कर मैं न चाहते हुए भी 2015 में लौट जाती हूं जब मेरे लिए सब कुछ बदल गया। मैं जो भी कदम बढ़ाती हूं, उसकी शुरुआत न सिर्फ अपनी खुद की सीमाओं को नए सिरे से परिभाषित करने बल्कि महिला उद्यमी के तौर पर मेरे लिए समाज द्वारा तय की गई सीमाओं को परिभाषित करने से होती है।”
थोक विक्रेताओं द्वारा उद्यमी के तौर पर उनकी कुशलता पर संदेह करने से लेकर ई-कॉमर्स ईकोसिस्टम का हिस्सा बनने तक उनका सफर ढेर सारे उतार-चढ़ावों से भरपूर रहा। सभी मुश्किलों को पार करने और फ्लिपकार्ट विक्रेता बनने से उनका कारोबार पूरी तरह बदल गया। बहुत ही कम समय में उनका छोटा कारोबार, राष्ट्रीय स्तर पर हिट हो गया और 1 करोड़ रुपये के टर्नओवर तक पहुंच गया जो 5,000 रुपये के शुरुआती निवेश के मुकाबले बहुत ही महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। फ्लिपकार्ट पर शुरुआत करने के एक वर्ष के भीतर उनका कारोबार 400 फीसदी तक बढ़ गया।
उनकी यात्रा सिर्फ एक उद्यमी से बढ़कर कहीं अधिक रहा और उनकी कंपनी आज एक कारोबार कहीं अधिक बढ़कर है और फ्लिपकार्ट ने उन्हें उनका सपना साकार करने में मदद की। उनकी सफलता उन महिलाओं की भी सफलता है जिन्हें उन्होंने रोज़गार दिया है। अपनी कहानी के साथ वह कई अन्य महिला उद्यमियों को प्रेरित करना जारी रखेंगी और पहला कदम उठाने के लिए प्रेरित करेंगी।
चित्रा की कहानी ऐसी ढेरों महिलाओं के लिए प्रेरणा की तरह है जो उद्यमिता के क्षेत्र में सफलता हासिल करना चाहती हैं। उनकी कहानी जीवन की चुनौतियों के बीच हार न मानने के महत्व को दर्शाती है। उन्होंने शौकिया कारोबारी के तौर पर शुरुआत की थी और अब अपने सतत प्रयासों के दम पर उन्होंने फ्लिपकार्ट पर “सर्वश्रेष्ठ उद्यमी” का पुरस्कार जीता है।
हैदराबाद की रहने वाली चित्रा व्यास ने अपनी खुद की वेबसाइट पर इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम बेचते हुए अपने सफर की शुरुआत की थी। लॉजिस्टिक्स और डिस्ट्रिब्यूशन संबंधी कई चुनौतियों का सामना करते हुए उन्होंने 2015 में फ्लिपकार्ट का रुख किया और फ्लिपकार्ट की ओर से दिए गए अपने मैनेजर के मार्गदर्शन में उनके कारोबार और उनके कारोबारी सफर ने जबरदस्त रफ्तार पकड़ी।
उन्होंने अपनी वेबसाइट की शुरुआत की जिसमें उनके अंकल ने छोटा निवेश किया था, लेकिन कई चुनौतियों के सामने आने और बाज़ार में प्रोडक्ट की लोकप्रियता बनाए रखने के लिहाज़ से विशेषज्ञ मार्गदर्शन की कमी के कारण उन्हें 2015 में अपनी कंपनी बंद करनी पड़ी। इसी दौरान फ्लिपकार्ट आशा की किरण के तौर पर उभर रहा था जिसके साथ मिलकर उन्होंने अपने कारोबार के लिए बेहतर परिणाम हासिल करने का सपना देखा।
प्लेटफॉर्म का हिस्सा बनने के कुछ समय बाद ही उनकी बिक्री बढ़ गई। एक हफ्ते के भीतर ही उन्हें 100 ऑर्डर मिल गए। उन्होंने कहा, “फ्लिपकार्ट ने हमें वह मार्गदर्शन दिया जिसकी हमें ग्राहकों का आधार बढ़ाने के लिए ज़रूरत थी। कारोबार में मदद करने के लिए हमें एक अकाउंट मैनेजर असाइन किया गया और उनकी सलाह के आधार पर हमने अपनी लिस्टिंग में नई कैटेगरी जोड़ीं। इसी समय हमने यह तय किया कि फैशन कैटेगरी में अपने लिए अवसर तलाशना शुरू करेंगे और हमने फुटवियर बेचना शुरू कर दिया।”
बीते वर्षों के दौरान, इस इकोसिस्टम को बेहतर तरीके से समझने के बाद, उनके अपने परिवार के ज़्यादातर सदस्यों ने कभी ऑनलाइन खरीदारी नहीं की थी और वे प्रोडक्ट की क्वालिटी को लेकर संदेह की स्थिति में रहते थे, लेकिन इसके बाद उन्होंने फ्लिपकार्ट पर ज़रूरी चीज़ें और अन्य उत्पाद खरीदना शुरू कर दिया।
प्लेटफॉर्म पर उनकी वृद्धि बहुत ही प्रोत्साहित करने वाली रही और वह चाहती हैं कि और भी महिला कारोबारी उनके सफर के बारे में जानें व ऑनलाइन कारोबार शुरू करने की दिशा में पहला कदम बढ़ाएं। उन्होंने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि इतने छोटे कारोबार के साथ मैं इतनी सफल उद्यमी बन जाऊंगी। लेकिन इतनी दूर तक आना और इसे बड़ा बनाना बहुत ही संतोषजनक और मज़ेदार अनुभव रहा है। मेरे प्रयासों और वृद्धि को ध्यान में रखते हुए मुझे 2018 में फ्लिपकार्ट की महिला विक्रेताओं के बीच “सर्वश्रेष्ठ उद्यमी” का पुरस्कार दिया गया। यह अनुभव बहुत ही शानदार होता है जब आप पांच ऑर्डर से शुरू करते हैं और आज औसतन हर दिन 700 ऑर्डर मिलते हैं। हमने छोटे स्तर से शुरुआत की थी और अब हमारे पास अपना पूरा ऑफिस है। हम अब भी इस सफर का आनंद ले रहे हैं और चाहते हैं कि ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में महिला उद्यमी इस ऑनलाइन क्रांति का हिस्सा बनें।”
सृष्टि मिश्रा ने देहरादून से माइक्रोबायोलॉजी में ग्रेजुएशन किया है जो अपनी शादी के बाद मुंबई आ गईं। यूट्यूब वीडियो देखते हुए उन्हें आभूषण बनाने में दिलचस्पी आने लगी। जल्द ही उन्होंने इसे अपना शौक बना लिया और इससे कमाई करने का निर्णय कर लिया। उनकी कहानी ऐसे किसी भी व्यक्ति के लिए प्रेरणा हो सकती है जो अपनी दिलचस्पी को सफल कारोबार बनाना चाहते हैं।
सृष्टि खुद से पढ़ाई करने वाली उद्यमी हैं जिन्होंने यूट्यूब वीडियो देखकर आभूषण बनाना और डिज़ाइन करना शुरू कर दिया। जिस चीज़ की शुरुआत शौकिया तौर पर हुई थी आज वह चीज़ उद्यमी के तौर पर नाम बनाने और कमाई करने में मदद कर रही है। ऑनलाइन वीडियो देखकर उन्होंने बहुत तेज़ी से यह कला सीख ली और इसमें महारत हासिल कर ली। मॉल में कुछ दुकानों का दौरा करते हुए उन्होंने पाया कि ग्राहक उनके जैसी डिज़ाइनों में दिलचस्पी ले रहे हैं और मिलती-जुलती डिज़ाइनें खरीद रहे हैं। अपने शौक को आगे बढ़ाने और उससे छोटा कारोबार बनाने के प्रोत्साहन के साथ उन्होंने हाथ से बने अपने आभूषण ऑनलाइन बेचने का फैसला किया। उन्होंने जेबीएनफैशनगैलरी नामक कंपनी की स्थापना की और 2017 में फ्लिपकार्ट के साथ साझेदारी की।
ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर मिलने व्यापक ग्राहक आधार को ध्यान में रखते हुए वह इस बात पर दृढ़ थीं कि उनका कारोबार सिर्फ ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म के लिए उपलब्ध रहेगा। सृष्टि ने कहा, “अगर आप ऑनलाइन बिक्री कर रहे हैं तो ऑफलाइन कारोबार के मुकाबले जोखिम कम रहता है। मुझे खुशी है कि मुझे घर बैठे-बैठे कारोबार चलाने मौका मिल रहा है। आज हर कोई डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आ चुका है और खरीदारी ढेर सारे उत्पादों तक ऐक्सेस के साथ आसान हो चुकी है जो ऑफलाइन कारोबार के दौर में लगभग असंभव था। हमारे जैसे छोटे कारोबारों के लिए अपने उत्पाद राष्ट्रीय स्तर पर ग्राहकों तक पहुंचाने में इससे मदद मिली है। ऑनलाइन कारोबार चलाने का एक अन्य पहलू यह भी है कि इससे हमें ग्राहकों के बारे में जानकारी मिलती है जिससे ऑनलाइन ट्रेंड के साथ तालमेल बनाए रखने में मदद मिलती है।”
अपने सफर को याद करते हुए उन्होंने कहा कि यह अनुभव सिर्फ 5,000 रुपये से एक छोटा कारोबार शुरू करने और आने वाले वर्षों में कारोबार को कई गुना बढ़ाने जैसा था। वह यह देखकर बहुत खुश हैं कि आज उनके परिवार के सदस्यों को उन पर कितना गर्व है क्योंकि वह अपने परिवार की पहली सदस्य हैं जिन्होंने अपना खुद का कारोबार शुरू किया है। वह भविष्य को लेकर आशान्वित हैं और उनकी योजना महिलाओं की ऐक्सेसरी के सेगमेंट में नई कैटेगरी जोड़ने की है जैसे कि हैंडबैग, पर्स, वॉलेट इत्यादि। इसके साथ ही वह अपने कारोबार का विस्तार राष्ट्रीय स्तर पर करना चाहती हैं।
अभिषेक वर्मा
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