- July 6, 2015
उत्तर प्रदेश की नजर छतों पर सौर पैनल : 2017 तक 20 मेगावॉट
लखनऊ – बिजली की किल्लत झेल रहे उत्तर प्रदेश की नजर छतों पर सौर पैनल लगाकर 2017 तक 20 मेगावॉट सौर ऊर्जा पैदा करने पर है। इसके लिए छतों पर सौर पैनल स्थापित किए जाएंगे ताकि बिजली जरूरतों को सौर ऊर्जा से पूरा किया जा सके। राज्य सरकार पहले ही निजी घरों और भवनों पर सौर पैनल लगाने और लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए नीति की घोषणा कर चुकी है।
इस नीति के तहत उद्यमियों को सौर पैनल से उत्पादित अतिरिक्त बिजली ग्रिड को आपूर्ति करने की भी अनुमति दी गई है। उत्तर प्रदेश अक्षय ऊर्जा विभाग और मुख्यमंत्री के सचिव पार्थसारथि सेन शर्मा ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘हमने छतों पर लगने वाले सौर पैनल के जरिये 2016-17 तक 20 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है।’
उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (एनईडीए) भी छतों पर सौर पैनल स्थापित करने संबंधी सरकारी विभागों के प्रस्ताव से उत्साहित है। कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश ने 2017 तक सभी माध्यमों से 500 मेगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य रखा है। राज्य में सौर संयंत्र और ग्रिड स्थापित करने के लिए राज्य सरकार निजी क्षेत्र की कुछ कंपनियों के साथ सहमति पत्र पर पहले ही हस्ताक्षर कर चुकी है।
हाल में सीआईआई ने लखनऊ में क्लिनटेक समिट 2015 का आयोजन किया था, जो अक्षय एवं हरित ऊर्जा समाधान पर केंद्रित था। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में 22 से 24 घंटे बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सौर ऊर्जा के साथ तापीय बिजली के उत्पादन बढ़ाने में काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
राज्य में बिजली की मांग और आपूर्ति में फिलहाल करीब 3,000 मेगावाट का अंतर मौजूद है। राज्य में बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है और उसके अनुरूप आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसके अलावा पर्याप्त पारेषण एवं वितरण ढांचा उपलब्ध न होने से बिजली की चोरी और पारेषण नुकसान भी काफी अधिक है।
बिजली पर नहीं चलेगी बिल्डरों की मनमानी
बहुमंजिला इमारतों के फ्लैटों में रह रहे लोगों से बिल्डरों की मनमानी बिजली दर की वसूली रोकने के लिए विद्युत नियामक आयोग ने कड़े कानून बनाए हैं। अब सिंगल प्वाइंट कनेक्शन लेकर कोई भी बिल्डर या वहां की समितियां बहुमंजिली इमारतों में रहने वाले उपभोक्ताओं का उत्पीडऩ नहीं कर पाएंगी। पिछले दिनों बहुमंजिली इमारतों में एक किलोवॉट का कनेक्शन लेने के लिए उपभोक्ताओं को लगभग 25 हजार रुपये प्रति किलोवाट व 10 रुपये प्रति यूनिट से भी ज्यादा पर बिजली दरों की वसूली बिल्डरों द्वारा किए जाने की शिकायत पर आयोग से कठोर कानून बनाने की मांग की गई थी।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा किबल्क लोड सिंगल प्वाइंट आपूर्ति कनेक्शन लेने वाले बिल्डरों कोआयोग द्वारा वर्तमान में जो शुल्क तय है उसके मुताबिक फिक्स चार्ज 85प्रति किलोवाट व यूनिट चार्ज 5.50 रुपये प्रति यूनिट है।बिल्डर द्वारा बिजली कंपनियों को कितना भुगतान किया जा रहा है, यह भी बताना होगा।