- January 4, 2016
उत्तर-पूर्व व राजस्थानी संस्कृति की झलक

जयपुर – सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार डॉ. आर. वेंकटेश्वरन ने 6 जनवरी से शुरु हो रहे राष्ट्रीय सहकार मेले के जिंगल व संदेश जारी कर अधिक से अधिक जयपुरवासियों की मेले में भागीदारी करने का आग्रह किया हैं। उन्होंने बताया कि एसएमएस इंवेस्टमेंट पर आयोजित होने वाले सहकार मेले के प्रति राजस्थान के साथ ही अन्य प्रदेशों की सहकारी संस्थाएं अधिक उत्साहित हैं।
डॉ. वेेंकटेश्वरन ने बताया कि सहकार मेला उद्यमिता, विश्वसनीयता और गुणवत्ता की थीम पर आयोजित किया जा रहा है। सहकार मेले में जहां एक और राजस्थान की सहकारी संस्थाओं के उत्पादों, कला व संस्कृति की झलक मिलेगी, वहीं देश की सहकारी संस्थाओं के एक से बढ़कर एक उत्पाद देखने व खरीदने का अवसर प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि देश के उत्तर-पूर्व की सहकारी संस्थाएं ट्राईफैड के बैनर तले आदिवासी संस्कृति से रुबरु कराने आ रही हैं। मेले में उत्तर-पूर्व की सहकारी संस्थाएं आदिवासी ज्यूलरी, जूट क्राफ्ट, बेंबू क्राफ्ट, ग्रास मेट्स, जूट मेट्स, ब्लेक स्टोन ज्यूलरी, ब्लू पॉट्री, वुलेन, मेडिशलन हब्र्स, वनोषधि, आदिवासी पेंटिंग्स, मेटल आइटम, डोकरा क्राफ्ट व आकर्षक गिफ्ट आइटम आदि उपलब्ध होंगे। इसके साथ ही आदिवासियों द्वारा संगृहित शहद भी बिक्री हेतु लाया जा रहा है।
डॉ. वेंकटेश्वरन ने बताया कि राष्ट्रीय सहकार मेले में झारखण्ड के लाख के आइटम, तेलंगाना के मसाले, कोच्ची स्पाइस बोर्ड के उत्पाद, पंजाब मार्कफैड के रेडी टू इट आइटम, हेफैड के उत्पाद आदि उपलब्ध होंगे।
रजिस्ट्रार डॉ. वेंकटेश्वरन ने बताया कि सहकार मेले की खासियत है कि उद्घाटन व समापन को छोड़कर शेष पांचों दिन राजस्थानी संस्कृति को सराबोर रखते हुए थीम बेस आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 7 जनवरी को ढूंढाड़ दिवस पर ढूंढाड़ी लोक संगीत कार्यक्रम, 8 जनवरी को मेवाड़ उत्सव और मेवाड़ के लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां, 9 जनवरी को बीकाणा उत्सव व भांगरा सहित पंजाबी लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां, 10 जनवरी को मारवाड़ दिवस और वहां के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति व 11 जनवरी को बृज उत्सव पर बृज संस्कृति से रुबरु कराया जाएगा।
सहकार मेले में आदिवासी नाड़ी वैद्य व योग, एक्यूप्रेशर व होम्योपैथिक विशेषज्ञों द्वारा नि:शुल्क सलाह दी जाएगी। बच्चों के लिए आकर्षक किड जोन व मेले में आकर्षक फूड जोन भी बनाया गया है।