उच्च शिक्षा के लिए एक प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण

उच्च शिक्षा के लिए एक प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण

रायपुर (छतीसगढ) –   राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए एक प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण सुविधा दी जा रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना का संचालन किया जा रहा है। योजना के तहत पिछले वित्तीय वर्ष 2014-15 में 2 हजार 750 छात्रों को 55 करोड़ रूपए का उच्च शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया गया है। मुख्यमंत्री डॉं. रमन सिंह के दिशा निर्देश के अनुरूप छत्तीसगढ़ में राज्य शासन तकनीकी शिाक्षा विभाग द्वारा दो लाख रूपए तक वार्षिक आमदनी वाले परिवारों के युवाओं के लिए उच्च उच्च शिक्षा के लिए ऋण चार प्रतिशत ब्याज दर की बजाय अब एक प्रतिशत ब्याज दर पर मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना अनुदान योजना के तहत जा रहा है। इस योजना के तहत पात्रता रखने वाले विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए केवल एक प्रतिशत ब्याज पर ऋण इस वित्तीय वर्ष 2014-2015 से दिया जा रहा है।
तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा  मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ब्याज अनुदान योजना के अन्तर्गत दो लाख रूपए वार्षिक तक परिवारिक आय वाले छात्रों को चालू वित्तीय वर्ष 2014-15 में शिक्षा ऋण ब्याज दर को चार प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत किया गया है। साथ ही नक्सल पीड़ित जिलों के छात्र-छात्राओं को ब्याज मुक्त शिक्षा ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने बताया कि मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा  ऋण योजना ब्याज अनुदान योजना प्रदेश में 29 नवम्बर 2012 से लागू की गई है। इस योजना के लिए केनरा बैंक को नोडल बैंक के रूप में अधिकृत किया गया है। इस योजना के तहत प्रदेश में 49 बैंक पंजीकृत है  है। इस योजना के तहत 17 बैकों आन्ध्रा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, भारतीय स्टेट बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, महाराष्ट्र बैंक, सेन्ट्रल बैंक, यूको बैंक, यूनियन बैंक, विजया बैंक, देना बैंक, छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, ऑरियन्टल बैंक, देना बैंक आदि बैंकों द्वारा अब तक दो हजार 750 विद्यार्थियों को 55 करोड रूपए का ऋण दिया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि यह योजना केवल छत्तीसगढ़ मूल निवासी विद्यार्थियों के लिए संचालित की जा रही है। ब्याज अनुदान किसी भी विद्याार्थियों को केवल एक बार प्रथम स्नातक/डिप्लोमा पाठयक्रम अथवा स्नातकोत्तर पाठयक्रम के लिए दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ के बाहर बाहर उच्च कोटि के राष्ट्रीय स्तर के उन शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा, जिन संस्थानों को इसके लिए अधिसूचित किया गया है। योजना के अवेदक को आवेदन के साथ सक्षम प्राधिकारी द्वारा दिया गया आमदनी प्रमाण पत्र भी संलग्न करना होगा। इस योजना के तहत विद्यार्थियों को बी.ई.एम.टेक.बी.फार्मा, एम.फार्मा, डी.फार्मा, वी.एड,बी.पी.एड, एम.पी.एड, बी.एच.एम.एस (होम्योपैथी), बी.ए.एम.एस. (आयुर्वेद) एम.बी.बी.एस.(एलोपैथी) बी.एन.वाय.एस., (प्राकृतिक चिकित्सा) बी.यू.एम.एस. (यूनानी चिकित्सा) बी.एस.सी. नसिंग (बेसिक) बी.एस.सी. (पोस्ट बेसिक) एम.एस.सी. नर्सिग, बी.डी.एस.एम.डी.एस., पशु चिकित्सा विज्ञान में बी.व्ही.एस.सी, मछली पालन, एग्रीकल्चर और बैचलर ऑफ ऑर्किटेक्चर पाठ्यक्रम के लिए एक प्रतिशत वार्षिक दर पर ऋण दिया जाएगा।

Related post

नेहरू से हमें जो सीखना चाहिए

नेहरू से हमें जो सीखना चाहिए

कल्पना पांडे————-इतने सालों बाद हमे शर्म से ये स्वीकार कर लेना चाहिए कि धार्मिक आडंबरों, पाखंड…
और सब बढ़िया…..!   अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

और सब बढ़िया…..! अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

अतुल मलिकराम ——– सुख और दुःख, हमारे जीवन के दो पहिये हैं, दोनों की धुरी पर…
भाग्यशाली मैं ….  – अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

भाग्यशाली मैं …. – अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

(व्यंग लेख ) अतुल मलिकराम  :-   आज कल जीवन जीने का ढंग किसी राजा महाराजा जैसा…

Leave a Reply