- July 4, 2018
’इस्टर्न राजस्थान केनाल प्रोजेक्ट’ –पार्वती, कालीर्सिंध एवं चम्बल नदियों की लिंक परियोजना के रूप में मंजूरी मिले-मुख्यमंत्री
जयपुर—- मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने नई दिल्ली में केन्द्रीय सड़क परिवहन, राष्ट्रीय राजमार्ग और जल संसाधन मंत्री श्री नितिन गडकरी से मुलाकात की।
श्रीमती राजे ने पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों को पेयजल एवं सिचाई सुविधाओं से लाभान्वित करने के लिये बनाई गई करीब 37 हजार करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी परियोजना ’इस्टर्न राजस्थान केनाल प्रोजेक्ट’ को पार्वती, कालीसिध एवं चम्बल नदियों की लिक परियोजना के रूप में केन्द्र सरकार से स्वीकृति दिलवाने का आग्रह किया ताकि पानी की समस्या से जूझते प्रदेश को परियोजना के लिए अधिकाधिक केन्द्रीय मदद मिल सके।
उन्होंने बताया कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लागू होने से राजस्थान की 40 प्रतिशत आबादी को सिचाई व पेयजल की सुविधा मिल सकेगी। बैठक में केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने इस प्रस्ताव पर मंत्रालय की सहमति जताते हुए बताया कि इस संबंध में शीघ्र ही केबिनेट नोट बना कर सहमति के लिए भिजवाया जायेगा।
बैठक में श्रीमती राजे ने बताया कि पार्वती, कालीसिंध एवं चम्बल नदियों को जोड़ कर उनकी नहरों और वितरिकाओं के माध्यम से अधिशेष जल को प्रदेश के 13 जिलों में दो लाख हेक्टेयर क्षेत्र और इतने ही अतिरिक्त क्षेत्र में सिचाई के लिए पानी और पेयजल संकट से प्रभावित जिलों को पीने का पानी उपलब्ध करवाने के लिए वेपकोस से यह परियोजना तैयार करवाई गई है।
इस परियोजना को केन्द्रीय जल आयोग से भी सैद्धान्तिक मंजूरी मिल चुकी है। उन्होंने बताया कि परियोजना की प्रस्तावित लागत 37 हजार करोड़ में से करीब 20 हजार करोड़ रुपये सिचाई से जुड़े कार्यों और 17 हजार करोड़ रुपये पीने के पानी के लिए खर्च होंगे।
श्रीमती राजे ने बताया कि उन्होंने पिछले दिनों प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की चौथी गवर्निग कमेटी की बैठक में भी इस्टर्न राजस्थान केनाल प्रोजेक्ट की चर्चा की थी। राजस्थान में सतही व भू-जल की वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह मांग राज्य की परिस्थितियों के अनुरूप वाजिब जरूरत है।
केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी के साथ हुई बैठक में श्रीमती राजे की राज्य के जल संसाधन से जुडे़ मुद्दों के साथ ही सड़क विकास सहित अन्य लम्बित मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा हु।
बैठक में जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप, सार्वजनिक निर्माण एवं परिवहन मंत्री श्री यूनुस खान और जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव श्री शिखर अग्रवाल भी मौजूद थे।