‘इंदिरा सागर’ पर ‘जल-महोत्सव”: नर्मदा जल की लहरियों से अठखेलियाँ

‘इंदिरा सागर’ पर ‘जल-महोत्सव”: नर्मदा जल की लहरियों से अठखेलियाँ

आर.बी. त्रिपाठी ———————–सघन, हरित वन सम्पदा और अलौकिक प्राकृतिक सुषमा के बीच नीलाकाश के प्रतिबिम्ब से हुए नीलाभ नर्मदा जल की लहरियों से अठखेलियाँ करना किसी का भी सपना होगा। यह सपना सच होने जा रहा है। एशिया के सबसे बड़े जलाशय ‘इंदिरा सागर’ पर होने जा रहा ‘जल-महोत्सव” सैलानियों की कल्पना से भी परे उन्हें यह अवसर देगा।

खण्डवा जिले में स्थित इस विशाल जलाशय के नजदीक स्थित ‘हनुवंतिया’ टापू में महोत्सव की तैयारियाँ जारी हैं। दस दिन के इस महोत्सव में वॉटर स्पोर्टस के साथ-साथ अनेक रोमांचकारी और साहसिक पर्यटन गतिविधियाँ होंगी। साथ ही होंगे देश-प्रदेश के विभिन्न व्यंजनों के लज़ीज़ स्वाद और कलात्मक शिल्प। सैलानियों को मध्यप्रदेश, विशेषकर निमाड़-मालवा की संस्कृति और परम्पराओं की झाँकी भी देखने को मिलेगी।

जल-महोत्सव के दौरान, हनुवंतिया से 12 किलोमीटर दूर स्थित मेल टापू, टापुओं के समूह की साहसिक यात्रा एक विशेष आकर्षण होगा। सैलानियों को वहाँ क्रूज ‘नर्मदा क्वीन’ और मोटर बोट से ले जाया जायेगा। इस अनूठे स्थान पर केम्प फायर, लज़ीज़ खाना और मनोरंजन कार्यक्रम होंगे।

सिंहस्थ और पर्यटन पर प्रदर्शनी

जल-महोत्सव के दौरान हनुवंतिया में आगामी सिंहस्थ-2016 एवं मध्यप्रदेश में पर्यटन गतिविधियों पर केन्द्रित प्रदर्शनी भी लगायी जायेगी। इस स्थान पर बनने जा रहे ‘तंबू नगर’ के लिये जमीन का समतलीकरण किया गया है। तंबू नगर में लगने वाले टेंट स्विस कॉटेज की तरह सुविधायुक्त होंगे। इनमें सैलानियों के लिये जरूरी सहूलियतें जुटायी जायेंगी। हेलीपेड एवं पार्किंग के इंतजाम भी किये जायेंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिये मंच का निर्माण होगा।

निमाड़ अंचल में आस्था और श्रद्धा के प्रतीक संत सिंगाजी की समाधि भी यहाँ से नजदीक ही स्थित है। आसपास के स्थानों से आने वाले श्रद्धालु और पर्यटकों के लिये यह संयोग ‘एक पंथ दोउ काज” की तरह होगा।

आर.बी. त्रिपाठी

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