• June 28, 2019

आह्वान- हरियाली महोत्सव — एक-एक पेड़ लगायें

आह्वान- हरियाली महोत्सव — एक-एक पेड़ लगायें

प्रतापगढ़——- हरियाली महोत्सव के तहत जिला कलक्टर श्यामसिंह राजपुरोहित ने बताया कि पेड़ों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। जिले में मानसून के आगमन के साथ ही आप सभी कृषि कार्यों में लग गये है। उन्हांेने बताया कि दो जुलाई से एक अगस्त 2019 तक हम सभी हरियाली महोत्सव मनाने जा रहे है। हरियाली महोत्सव के दौरान हम सब मिलकर अधिक से अधिक पेड़ लगाने का पुनित कार्य करें।

जिला कलक्टर ने बताया कि दो जुलाई को हरियाली महोत्सव के शुभारंभ के साथ ही जिले के प्रत्येक विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थी अपनी मनपसन्द जगह पर अपनी पसन्द का एक-एक पेड़ लगाएगें।

उन्होंने कहा कि आप सब जनप्रतिनिधि-वार्ड पंच, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, प्रधान, जिला परिषद सदस्य, जिला प्रमुख सब मिलकर हरियाली महोत्सव के दौरान एक-एक पेड़ अवश्य लगाऐं और अपने आस-पास के आमजन को भी एक-एक पेड़ लगाने के लिये प्रेरित करें।

जिला कलक्टर ने बताया कि 5 जुलाई को वन महोत्सव का आयोजन जिले के प्रत्येक ग्राम, ग्राम पंचायत, पंचायत समिति एवं जिला स्तर पर किया जा रहा है, जिसे नेतृत्व प्रदान करते हुए आप सब अपनी सहभागिता सुनिश्चित करते हुए अधिक से अधिक पेड़ लगाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।

जिले के प्रत्येक मुक्तिधाम में नीम, आम, शीशम, बरगद के पेड़ लगाना सुनिश्चित करावंे ताकि आमजन को शुद्ध वातावरण एवं छाया मिल सके। मंैने आप सभी को पौधे उपलब्ध कराने के लिये वन विभाग के अधिकारियांे को निर्देशित कर दिया है।

नीम, आम, जामुन, महुवा जैसे फलांे के बीजों को आधी मिट्टी आधा खाद मिलाकर सौ-सौ बीज वाली गंेद बनाकर वर्षा के दौरान सुरक्षित जगह पर रख दे जिससे आप द्वारा रखी गई बीज गेंद में से अंकुरित होकर एक नन्हा पौधा पेड़ का रूप लेगा जिसका लाभ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पशु-पक्षी एवं मानव समुदाय को होगा। बरगद की चार फीट लम्बी कलम रोपकर पुण्य लाभ अर्जित करें।

जिला कलक्टर ने सभी से आह््वान किया कि आप सभी जनभागीदारी सुनिश्चित करते हुए हरियाली महोत्सव के दौरान जिले के प्रत्येक नागरिक से एक-एक पेड़ लगाकर पुण्य प्राप्त करेगें।

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply