- March 10, 2015
आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई 2,401 प्रकरण में 24.23 लाख की सामग्री जप्त
प्रदेश में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली में होने वाली गड़बड़ी को दूर करने के लिये पिछले एक वर्ष में उचित मूल्य दुकानों के 62 हजार 730 आकस्मिक निरीक्षण किये गये। निरीक्षण के दौरान गड़बड़ी पाये जाने पर 2,401 प्रकरण निर्मित कर 24 लाख रुपये से अधिक की सामग्री जप्त की गई। जाँच में उचित मूल्य की 79 दुकान निलंबित भी की गईं। खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग ने गंभीर अनियमितता के 88 प्रकरण में विक्रेताओं एवं पदाधिकारियों के विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज करवाई। विभाग ने पंजीबद्ध प्रकरणों में से 883 प्रकरण का निराकरण करते हुए 11 लाख 40 हजार की प्रतिभूति राशि एवं सामग्री राजसात की। प्रदेश में पेट्रोल और डीजल पम्पों, गैस एजेंसी, लीड संस्थाओं, केरोसिन लायसेंसी एवं केरोसिन का उपयोग करने वाले व्यवसायिक संस्थानों का भी आकस्मिक निरीक्षण किया गया। गड़बड़ी पाये जाने पर 2,150 प्रकरण पंजीबद्ध कर एक करोड़ रुपये की सामग्री की जप्ती की गई। 34 लायसेंस निलंबित किये गये। गंभीर अनियमितता करने वाले 111 व्यक्ति के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई गई। पंजीबद्ध प्रकरणों में से 1057 प्रकरण का निराकरण कर 92 लाख से अधिक की प्रतिभूति राशि एवं सामग्री जप्त की गई। प्रदेश में चोर-बाजारी निवारण और आवश्यक वस्तु प्रदाय रखने संबंधी आदेश 1980 के तहत आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी करने वाले 6 व्यक्ति को जेल भी भेजा गया। दुकानवार खाद्यान्न का आवंटन लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वितरित होने वाली सामग्री के आवंटन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने एवं इसमें होने वाले विलंब को रोकने के लिये खाद्य एवं नागरिक विभाग द्वारा माह जून, 2014 से उचित मूल्य दुकानवार आवंटन निर्धारित समय-सीमा में आयुक्त, खाद्य कार्यालय, भोपाल से जारी किया जा रहा है। उचित मूल्य दुकानवार सामग्री का आवंटन आम जनता की जानकारी के लिये विभागीय पोर्टल http://www.food.mp.gov.in/ पर भी प्रदर्शित किया गया है। विभाग की इस वेबसाइट पर कौन-सा परिवार किस उचित मूल्य दुकान से संबद्ध है। उचित मूल्य दुकानवार पात्र परिवारों की संख्या को भी इस वेबसाइट पर प्रदर्शित किया गया है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति संचालनालय से जारी आवंटन अनुसार खाद्यान्न, नमक एवं शक्कर की उपलब्धता मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन द्वारा अपने 190 प्रदाय केन्द्र के माध्यम से सुनिश्चित करवाई जा रही है। यह प्रदाय केन्द्र 51 जिले में बनाये गये हैं। |