• December 4, 2021

आरोपी सुधा भारद्वाज के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

आरोपी सुधा भारद्वाज के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी  सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

एल्गार परिषद मामले में आरोपी सुधा भारद्वाज को मिली जमानत के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

उच्च न्यायालय ने 1 दिसंबर को उसे इस आधार पर जमानत दी थी कि गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत उसकी नजरबंदी को एक सत्र अदालत ने बढ़ा दिया था जिसके पास ऐसा करने की कोई शक्ति नहीं थी।

उच्च न्यायालय ने कहा कि जब एनआईए अधिनियम के तहत नामित एक विशेष अदालत पुणे में मौजूद थी, सत्र न्यायाधीश के पास हिरासत को निर्धारित 90 दिनों से आगे बढ़ाने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं था। इसने निर्देश दिया कि उसे जमानत की शर्तों और उसकी रिहाई की तारीख तय करने के लिए 8 दिसंबर को विशेष एनआईए अदालत के समक्ष पेश किया जाए।

मामले में गिरफ्तार किए गए 16 कार्यकर्ताओं में भारद्वाज पहले हैं जिन्हें डिफॉल्ट जमानत मिली है। कवि-कार्यकर्ता वरवर राव फिलहाल मेडिकल जमानत पर बाहर हैं। जेसुइट पुजारी स्टेन स्वामी की इस साल 5 जुलाई को मेडिकल जमानत का इंतजार करते हुए एक निजी अस्पताल में मौत हो गई थी।

हालांकि, उच्च न्यायालय ने वरवर राव, सुधीर धवले, वर्नोन गोंसाल्वेस, रोना विल्सन, सुरेंद्र गाडलिंग, शोमा सेन, महेश राउत और अरुण फरेरा द्वारा दायर डिफ़ॉल्ट जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया।

Related post

नागालैंड के स्कूलों में लड़कियों के लिए ‘किशोरावस्था क्लब’ का गठन

नागालैंड के स्कूलों में लड़कियों के लिए ‘किशोरावस्था क्लब’ का गठन

पीआईबी (दिल्ली) — किशोरावस्था एक महत्वपूर्ण विकासात्मक चरण है, जिसमें विभिन्न चुनौतियाँ और अवसर होते हैं।…
दवा निर्माता : स्टॉप प्रोडक्शन ऑर्डर (एसपीओ), स्टॉप टेस्टिंग ऑर्डर (एसटीओ), लाइसेंस निलंबन/रद्दीकरण, चेतावनी पत्र और शोकेस नोटिस

दवा निर्माता : स्टॉप प्रोडक्शन ऑर्डर (एसपीओ), स्टॉप टेस्टिंग ऑर्डर (एसटीओ), लाइसेंस निलंबन/रद्दीकरण, चेतावनी पत्र और…

पीआईबी दिल्ली —– स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कुछ समाचार रिपोर्टों के बाद तत्काल और निर्णायक…
सिक्किम की नदियाँ खतरे में !

सिक्किम की नदियाँ खतरे में !

लखनउ (निशांत सक्सेना) —— तीस्ता -III परियोजना पर वैज्ञानिक पुनर्मूल्यांकन और लोकतांत्रिक निर्णय की माँग जब भी…

Leave a Reply