• October 26, 2015

आदिवासी क्षेत्रों में निजी स्कूल एफ.डी. मुक्त – शिक्षा राज्यमंत्री

आदिवासी क्षेत्रों में निजी स्कूल एफ.डी. मुक्त – शिक्षा राज्यमंत्री

जयपुर – शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए पूरी गंभीरता के साथ कार्य कर रही है। प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में सुविधाएं बढ़ाने के साथ ही निजी स्कूलों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। आदिवासी क्षेत्रों में अब निजी स्कूलों को एफ.डी. की अनिवार्यता नहीं रहेगी।
शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. देवनानी ने रविवार को अजमेर जिला परिषद सभागार में राजस्थान प्राईवेट एजूकेशन एसोसिएशन की कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के विकास के लिए सरकारी विद्यालयों के साथ साथ निजी स्कूल भी आवश्यक है। शिक्षा का निजीकरण तो ठीक है लेकिन व्यवसायीकरण नहीं होना चाहिए। निजी विद्यालय भी प्रदेश के बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी एवं देश का सुयोग्य नागरिक बनाने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों में कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत राजस्थान देश का सबसे पहला राज्य है जहां पूरी पारदर्शिता के साथ लॉटरी के जरिए विद्यार्थियों को निजी स्कूलों में शिक्षा उपलब्ध करायी जा रही है। अगले शिक्षण सत्र से सभी विद्यालयों में एक अप्रेल से शिक्षा सत्र शुरू होगा ऐसे में निजी विद्यालयों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत विद्यार्थी मिलने में किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी। साथ ही अधिनियम से जुड़ी अन्य परेशानियों का भी नियमानुसार हल निकाला जाएगा। उन्होंने निजी विद्यालयों की विभिन्न समस्याओं के निराकरण के लिए शीघ्र ही प्रयास शुरू करने की बात कही।
शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारकर उसे अग्रणी राज्य बनाने के लिए प्रयास कर रही है और सरकारी विद्यालयों में इस दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है। निजी विद्यालय भी इन प्रयासों में पूरा सहयोग करें। राज्य को सम्पूर्ण रूप से शिक्षित एवं विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में चल रहे प्रयासों और नवाचारों को पूर्ण सहयोग प्रदान करेंं।
उन्होंने निजी शिक्षण संस्थाओं के संचालकों से कहा कि वे अपने संस्थान का संचालन शैक्षिक परिवार के रूप में करें तो निश्चित रूप से शानदार परिणाम सामने आएंगे। इस परिवार में संचालक, शिक्षक, विद्यार्थी एवं अभिभावक आपसी समन्वय से कार्य करें। राज्य सरकार ने शिक्षकों की पदोन्नति, विभिन्न समस्याओं का निराकरण सहित शिक्षकों से जुड़ी अधिकांश मांगों को पूरा कर दिया है। यह गति निरन्तर बनी रहेगी। शिक्षक भी अपने व्यक्तित्व को विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्पद रूप में प्रस्तुत करें।
इस अवसर पर प्रो. देवनानी ने कार्यकारिणी को शपथ दिलायी। शिक्षा राज्य मंत्री ने आज शिक्षा विभाग के विभिन्न अधिकारियों से भी चर्चा कर विभागीय कामकाज की समीक्षा की।

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