आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप में सुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता

आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप में सुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता

भोपाल : –मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान सरकार ने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप में सुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। अनेक विशेष लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं। इन लक्ष्यों में सिंगल सिटिजन डेटाबेस और सिंगल सर्विस डिलेवरी पोर्टल का निर्माण, सेवा प्रदाय के लिये दस्तावेजों के डिजिटल सत्यापन की व्यवस्था, कानूनों-नियमों और प्रक्रियाओं का सरलीकरण, सभी रिकार्ड का डिजिटाइजेशन, शासन की नीतियों और निर्णयों में अधिक से अधिक जनभागीदारी, ड्रोन-आरटीफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, ब्लाक चैन टेक्नालॉजी, क्लाउड कम्प्यूटिंग आदि आधुनिक तकनीकों का सरकारी काम-काज में अधिक से अधिक उपयोग, मानव संसाधन का प्रशिक्षण एवं क्षमतावर्धन, सिटीजन केयर के दायरे का विस्तार और एम गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिये चैट बोट्स का विकास शामिल है।

राज्य सरकार ने सुशासन स्थापित करने के लिये महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। सी.एम. हेल्पलाईन 181 ने प्रदेश की 1करोड़ 25 लाख नागरिकों की समस्याओं एवं शिकायतों का निराकरण किया। विगत 9 माह में 100 से अधिक नवीन सेवाओं को लोक सेवा गारंटी क़ानून के दायरे में लाया गया है। प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों के लिये 24 घंटे जिला और राज्य स्तर पर विभिन्न हेल्पलाइन संचालित की गई। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के रोडमैप में सुशासन को सबसे प्रमुख चार स्तंभों में शामिल किया गया है

प्रदेश की देश –विदेश में फैली बहुमूल्य परिसंपत्तियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक नए लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग का गठन किया गया है। लोक सेवा गारंटी क़ानून में संशोधन कर “मान्य-अनुमोदन (डीम्ड अप्रूवल ) का प्रावधान किया गया। “आधार पंजीयन एवं सुधार” तथा “आयुष्मान भारत लाभार्थी कार्ड सेवा” जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं प्रारंभ की गयी । घर बैठे ऑनलाइन आवेदन करने की व्यवस्था के तहत “सिटीजन इंटरफ़ेस” पर 14 नवीन सेवाओं को जोड़ा गया है।

नागरिक सुविधा के लिए सी.एम्. हेल्पलाइन एवं लोक सेवा के लिए व्हाटसप चैट-बोट सुविधा पर काम किया जा रहा है पारदर्शी मॉनिटरिंग व्यवस्था को स्थापित करने के उद्देश्य से सी.एम. डैशबोर्ड पोर्टल विकसित किया गया। एम्.पी. इनोवेशन पोर्टल विकसित कर लोगों से सुझाव प्राप्त किये गए। जन हितैषी योजनाओं के लिए आयोजित कार्यक्रमों का सोशल मीडिया मायगोवएमपी एवं एसएमएस के माध्यम से करोड़ो नागरिकों तक प्रचार-प्रसार किया गया। प्रदेश में नागरिकों का सिंगल सिटीजन डाटाबेस तैयार करने और सेवा प्रदाय के सिंगल पोर्टल के निर्माण का निर्णय लिया गया है। पिछले 9 माह में कोरोना से बचाव और हर स्तर पर प्रभावी संवाद के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग जैसी तकनीक का बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया है ।

कोरोना काल में हितग्राहियों के खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से शासकीय योजनाओं का लाभ प्रदान किये जाने के फलस्वरूप एक ओर पात्र व्यक्ति को लाभ मिला है , वहीँ दूसरी ओर भ्रष्टाचार और बिचौलियों का खात्मा करने में मदद मिली है। राज्य शासन के कार्यालयों और विभागों तथा विभिन्न उपक्रमों में ई- ऑफिस की व्यवस्था लागू की गयी। मध्यप्रदेश में विभिन्न प्रकार के माफिया की कमर तोड़ने और किसी अराजक तत्व को नहीं छोड़ने का प्रदेश व्यापी अभियान चलाया गया है।

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