• November 15, 2014

अपंजीकृत बाल गृहों का सर्वे कर तीन दिन में सूचना दें – मुख्य सचिव

अपंजीकृत बाल गृहों का सर्वे कर तीन दिन में सूचना दें – मुख्य सचिव

जयपुर- मुख्य सचिव श्री सी.एस. राजन ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि राजस्थान में अपंजीकृत बालगृहों का तीन दिन में सर्वे कर उनके विरूद्घ नियमानुसार कार्यवाही की जाये। उन्होंने जो अपंजीकृत बालगृह एवं होम संचालित हो रहे हैं तथा मर्सी होम के संबंध में दर्ज एफ.आई.आर. में त्वरितता से कार्यवाही करते हुए एक माह में चालान प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिये।

श्री राजन शुक्रवार को यहां शासन सचिवालय में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी द्वारा गुरूवार को मर्सी होम के निरीक्षण के बाद अधिकारियों को दिये निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने समस्त सरकारी तथा गैरसरकारी स्कूलों को इस संबंध में पाबन्द करने के निर्देश दिये कि वे अपने विद्यालयों और बालगृहों में अध्ययनत बच्चों की सूचना 15 दिसम्बर तक बाल अधिकारिता विभाग को भिजवाएं जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करें ।

मुख्य सचिव ने इस प्रकरण के सम्बन्ध में गृह विभाग को भी निर्देश दिये हैं कि पुलिस विभाग बीट कॉन्सटेबल के स्तर पर यह सूचना संकलित करवाये कि उसके क्षेत्र में कोई होम अथवा छात्रावास चल रहा है या नहीं। उन्होंने शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, अल्पसंख्यक मामलात एवं जनजातिय क्षेत्रीय विकास विभाग के सदस्यों के साथ चर्चा करते हुए जानकारी ली कि होम के अतिरिक्त विभिन्न सरकारी अथवा गैरसरकारी होस्टलो में छह से 14 वर्ष की जो बालिकाएं भी रहती हैं उनके लिए बाल अधिकारिता विभाग का  यह दायित्व है कि इन होस्टलों में बालिकाएं सुरक्षित एवं सम्मानजनक तरीके से हैं या नहीं।

उन्होंने गृह विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि जिन संस्थाओं द्वारा बालगृह संचालित करने हेतु आवेदन पत्र दिये जाते हैं उन्हें स्वीकृति देने से पहले उनके संचालक मण्डल के सदस्यों एवं कार्मिकों का भी पुलिस वेरीफिकेशन करवाया जाये तथा अपराधिक प्रवृति के लोगों को गृह संंचालन की अनुमति न दी जाये। उन्होंने उप अधीक्षक पुलिस के रिक्त पदों पर तत्काल प्रभाव से उप अधीक्षक स्तर की महिला अधिकारी को लगाये जाने के निर्देश भी दिये।

श्री राजन ने बाल अधिकारिता विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि किसी भी बालगृह को संचालित करने से पहले किशोर न्याय अधिनियम की धारा-34 के अन्तर्गत पंजीयन करना अनिवार्य होगा। यदि किसी संस्था में अपंजीकृत स्थिति में बच्चे पाये गये तो उसे बाल कल्याण समिति पंजीकृत बालगृह में स्थानान्तरित करवा सकती है। उन्होंने मर्सी होम की जिस बालिका के साहसी प्रयास से यह प्रकरण प्रिंसिपल की जानकारी में आया उस विद्यालय के प्रिंसिपल को पुरस्कृत किये जाने के निर्देश दिये।

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह श्री ए.मुखोपाध्याय, निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव बाल अधिकारिता श्रीमती हंसा सिंह देव, पुलिस महानिदेशक श्री ओमेन्द्र भारद्वाज, जिला कलेक्टर श्री कृष्ण कुणाल, पुलिस आयुक्त श्री जंगा निवास राव एवं विशेषाधिकारी, बाल संरक्षण, बाल अधिकारिता विभाग उपस्थित थे।

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply