अन्तर्राष्ट्रीय माहवारी स्वच्छता दिवस

अन्तर्राष्ट्रीय माहवारी स्वच्छता दिवस

जयपुर—– महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने कहा कि महिला एवं बालिकाओं से संबंधित प्रबन्धन विषय पर प्राय चर्चा नहीं की जाती है, उन विषयों पर चर्चा कर चुप्पी तोड़ने का प्रयास किया जाना चाहिए।

श्रीमती भूपेश ने यह बात अन्तर्राष्ट्रीय माहवारी स्वच्छता दिवस के अवसर पर हरीशचन्द्र माथुर लोक प्रशासन संस्थान में आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर कही।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह समस्या महिलाओं के स्वास्थ्य से संबंधित है, इसका समाधान करने की जिम्मेदारी हम सबकी है और इसी कारण सरकार द्वारा माहवारी प्रबन्धन स्वच्छता योजना लागू की गयी है।

मासिक धर्म व उससे जुड़ी हुई स्वच्छता पर जानकारी देना व जागरूकता लाना, सहज वातावरण का निर्माण करना इस योजना के उद्ेश्य हैं। श्रीमती भूपेश ने कहा कि महिला अधिकारिता विभाग के साथ-साथ पंचायती राज, शिक्षा, स्वास्थ्य, युवा एवं खेल आदि सभी विभाग आपसी समन्वय से मिलकर ग्रामीण स्तर तक इस कार्यक्रम को अभियान के रूप में क्रियान्वित कर रहे हैं।

इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने कहा कि माहवारी एवं किशोर अवस्था में होने वाले हार्मोनल परिवर्तन से जुड़ी हुई रूढिवादिता को त्याग कर वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाकर जागरूक होना चाहिए और किशोरियो एवं महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधित समस्याआें का समाधान करना चाहिए।

कार्यक्रम में महिला अधिकारिता विभाग के निदेशक श्री प्रकाश चन्द पवन ने बताया कि यह कार्यक्रम समाज में स्वच्छता एवं जागरूकता लाने के उद्ेश्य से ग्रामीण स्तर पर पूरे प्रदेश में मनाया गया है। इस अवसर पर माहवारी विषय पर किशोरियों को जागरूकता सम्बंधी लघु फिल्म ‘‘अम्माजी’’ का प्रदर्शन किया गया, जिसे यूएनएफपीए द्वारा सहयोग किया गया।

कार्यक्रम में विभाग की अतिरिक्त निदेशक डॉ. आभा जैन ने बताया कि महिला अधिकारिता विभाग द्वारा आंगनबाडी केन्द्रों एवं सरकारी स्कूलों में सेनेट्री पैड निःशुल्क वितरित किये जाते हैं साथ ही यहां राजस्थान चिकित्सा निगम एवं यूएनएफपीए के सहयोग से माहवारी प्रबन्धन स्वच्छता किट भी वितरित किये गये हैं। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किशोरियों एवं बालिकाओं ने भी भाग लिया।

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