‘अनमोल’ -महिला-बाल विकास विभाग

‘अनमोल’ -महिला-बाल विकास विभाग

गोद लेने की प्रक्रिया को आसान, पारदर्शी बनाने के साथ ही पूरी प्रकिया को ऑनलाइन करने के लिए मध्यप्रदेश के महिला-बाल विकास विभाग द्वारा बनाई गई ‘अनमोल’ जैसी वेबसाइट झारखंड भी बनाएगा। झारखंड से आज एक उच्च-स्तरीय दल वेबसाइट का अध्ययन करने भोपाल पहुँचा। दल ने आयुक्त महिला सशक्तीकरण श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव के साथ बैठक की।

आयुक्त महिला सशक्तीकरण ने झारखंड के दल को वेबसाइट की पूरी प्रक्रिया बतायी। उन्होंने कहा कि वेबसाइट से सभी शिशु गृहों को संबंद्ध किया गया है। इसमें बच्चे के शिशु गृह में आने से लेकर उसके गोद लेने तक की हर स्तर की प्रक्रिया को दर्ज किया जाता है। गोद लेने के इच्छुक दम्पतियों की परेशानी नहीं होती और न ही उन्हें कोई संशय होता है। वेबसाइट के जरिये गोद लेने की प्रक्रिया की स्टेटस कभी भी ली जा सकती है।

झारखंड दल के प्रमुख भारतीय पुलिस सेवा के श्री पी.मोरोगन ने अनमोल वेबसाइट को उपयोगी और बच्चों के त्वरित पुनर्वास की दिशा में अनूठी पहल बताया। उन्होंने कहा कि झारखंड भी ऐसी ही वेबसाइट बनाना चाहता है।

बैठक के बाद झारखंड का दल चूना भट्टी स्थित बाल शिशु गृह किलकारी उड़ान भी गया। दल ने वहाँ गोद लेने की ऑनलाइन प्रक्रिया का व्यवहारिक रूप भी देखा।

उल्लेखनीय है कि अनमोल देश की पहली ऐसी वेबसाइट है जिसमें बच्चों को गोद लेने की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन किया गया है। भारत सरकार की सेंट्रल एडॉप्‍शन रिसोर्स एजेंसी ने भी अनमोल की तर्ज पर वेबसाइट बनाई है।

Related post

1991 के पूजा स्थल कानून को लागू करने की मांग याचिका पर विचार करने पर सहमति : सर्वोच्च न्यायालय

1991 के पूजा स्थल कानून को लागू करने की मांग याचिका पर विचार करने पर सहमति…

सर्वोच्च न्यायालय ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की उस याचिका पर विचार करने पर सहमति जताई…
यू पीआई के माध्यम से लेनदेन दिसंबर 2024 में रिकॉर्ड 16.73 बिलियन

यू पीआई के माध्यम से लेनदेन दिसंबर 2024 में रिकॉर्ड 16.73 बिलियन

नई दिल्ली: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, लोकप्रिय यूनिफाइड पेमेंट्स…
पुलिस और अभियोजन पक्ष को फटकार  : “उचित तरीके से दिमाग का इस्तेमाल” नहीं किया-गुजरात उच्च न्यायालय

पुलिस और अभियोजन पक्ष को फटकार : “उचित तरीके से दिमाग का इस्तेमाल” नहीं किया-गुजरात उच्च…

गुजरात उच्च न्यायालय ने छेड़छाड़ के एक मामले में एफआईआर दर्ज होने के आठ साल बाद…

Leave a Reply