- July 11, 2015
अधिकतम रोजगार उपलब्ध करवाने की प्राथमिकता
जयपुर – श्रम नियोजन राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्र पाल सिंह टी.टी. ने श्रमिकों के कल्याण तथा कौशल विकास के माध्यम से युवाओं को अधिकतम रोजगार उपलब्ध करवाने को सरकार की प्राथमिकता बताया है। उन्होने यह भी बताया है कि राज्य सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में लगभग सवा करोड़ असंगठित मजदूरों के पंजीयन का अभियान संचालित हो रहा है। इसी के अंतर्गत भामाशाह कार्ड में जिन मजदूरों के व्यवसाय के कॉलम में खुद का असंगठित मजदूर दर्ज किया गया हैं, उनका रजिस्ट्रेशन करके पूरे प्रदेश में डाटा बेस तैयार किया जाएगा।
श्रम नियोजन राज्य मंत्री ने शुक्रवार को राजसमंद जिला कलेक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक में बताया कि असंगठित मजदूरों में वो सभी लोग आते हैं जो खेती में काम करते हैं, घरों में बाई या नौकर के तौर पर काम करते हैं अथवा जिनकी सालाना आय एक लाख 75 हजार रुपए से कम है। इनमें रिक्शा, ट्रक चालक, खलासी, दुकानों में काम करने वाले कर्मचारी, कुली, ठेकेदारों की लेबर, वर्कशॉपों में कारीगर, ढाबों में काम करने वाले आते हैं।
श्रम नियोजन राज्य मंत्री ने बताया कि इन सभी को नजदीकी ई-मित्र पर जाकर एक शपथ पत्र देना है। इससे उनका ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अब तक प्रदेश में 6 लाख मजदूरों का पंजीयन हो चुका है और इन्हें कार्ड देने की कार्यवाही भी शुरू हो गई है।
इन असंगठित मजदूरों के लिए श्रम नियोजन राज्य मंत्री की अध्यक्षता में एक श्रमिक कल्याण मण्डल का भी गठन किया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि इस मण्डल में 22 सदस्य होंगे, जिसमें 6 मजदूर संगठन, 6 निदेशक, 6 सरकारी अधिकारी व 4 अन्य सदस्य होंगे। यह मण्डल इन मजदूरों के कल्याण के लिए काम करेगा और उन्हें सामाजिक सुरक्षा देने का काम करेगा। पंजीयन के बाद मजदूरों को पेंशन, स्वास्थ्य बीमा, मृत्यु बीमा, अपंग होने पर क्लेम व अन्य सुविधाएं भी मिलने लगेगी।
श्रम नियोजन राज्य मंत्री ने बताया कि विभाग में 40 लोगों के द्वारा श्रम कल्याण के कार्य किए जा रहे थे जिसे हमने बढ़ाकर 22 हजार लोगों को अधिकृत क$र दिया गया है ताकि श्रम कल्याण का अधिकतम कार्य किया जा सके। जिसमें श्रम कल्याण अधिकारी सहित खण्ड विकास अधिकारियों, ग्राम सचिवों तथा जल संसाधन एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग के सहायक अभियंताओं को भी जोड़ा गया है।
22 से 500 करोड़ का बजट कौशल विकास के लिए :-
बैठक मे श्रम नियोजन राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्र पाल सिंह टीटी ने बताया कि प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री का विजन है कि देश और प्रदेश के हर युवा को कौशल विकास से जोड़ा जाए इसके लिए प्रदेश की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने कौशल विकास के लिए 22 करोड़ रुपए से 500 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित कर दिया है।
मुख्यमंत्री का संदेश है कि जिस हाथ में कौशल हुनर होगा वह हाथ भूखा नहीं रहता। इसी भावना को मुर्त रूप देने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आरमोल व आरमोल के अधीन आरएसएलडीसी का गठन किया गया है।
उन्होंने कहा है कि राजस्थान प्रदेश के ऐसे सभी नवयुवक जो किसी कारण उच्च शिक्षा से वंचित रह गए या बेरोजगार है उनको विशेष प्रशिक्षण देकर रोजगारयुक्त करने की महत्वाकांक्षी योजना कौशल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित की जा रही है। वर्तमान में विभिन्न योजनाओं में लगभग 67 हजार नौजवान विभिन्न प्रशिक्षण लेकर रोजगारयुक्त हुए है।
बैठक में श्रम नियोजन विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री रजत मिश्रा ने बताया कि कौशल विकास योजना सम्पूर्ण भारत में एक मिशन के तहत संचालित की जा रही है। उन्होंने कहा कि युवाओं को कौशलयुक्त बनाकर देश का समग्र विकास किया जा सकता है।
प्रमुख शासन सचिव ने अधिकारियों का आह्वान किया कि वे कौशल विकास के कार्यक्रमों को बढावा देने के लिए अपनी ओर से सार्थक प्रयास करें। उन्होंने कहा कि अगर सकारात्मक सुझाव दिए जाते है तो उनको भी अमल में लाया जाएगा।
प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि युवाओं में कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण केन्द्रों को आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में गुणवत्ता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवाओं को रोजगार दिलाना सुनिश्चित करने पर ही प्रशिक्षण देने वाली ऐजेन्सी को भुगतान किया जाएगा।
बैठक में जिला प्रमुख श्री प्रवेश कुमार सालवी, जिला कलक्टर श्री कैलाशचन्द वर्मा, जिला पुलिस अधीक्षक श्री सत्येन्द्र कुमार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री राजेन्द्र सारस्वत संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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