- June 19, 2018
अगर, कुत्ते की दुम हिलाने वाला प्रधानमंत्री !! — शैलेश कुमार
क्या चार- वर्ष के दरम्यान में ही ये घटनाएं हुई है ??
जितने भी बदमाश और गुंडे है सभी पार्टी पोषित है यह गुंडे — सपा,बसपा , राजद, तृणमूल कांग्रेस और कम्युनिष्ट और उसके सहयोगी दलों का है।
24000 उद्योगपति भारत से भगोड़ा है , यह मोदी जी की देन है
कुमार मंगलम पर कांग्रेस ने कहा था यह रूस नहीं है जो उद्योगपति को गिरफ्तार करें
लेकिन शहीदों पर मुँह तक नहीं खुली।
वह समय था जिसमे कांग्रेसियों और उसके सहयोगीदल (सपा , बसपा , तृणमूल कांग्रेस और हिन्दू विरोधी हिन्दू ताकत) ह्त्या (हिन्दुओं) करवाने का अभियान चला रखा था ,
वहीँ अखिलेश यादव ने कहा था की उत्तरप्रदेश में ब्राह्मणों का कोई जगह नहीं है, बड़े वर्ग से आये शहीदों का दर्शन तो दूर अपने मुँह से दो शब्द निकालने में अखिलेश यादव और नीतीश कुमार सम्प्रदायवाद समझते थे।
कांग्रेस और उसके चटोरों ने शहीदों को भी वर्गवाद में बाँट दिया।
चार साल में बीजेपी के नेताओं ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया ?
नीरव मोदी और माल्या को किसने बैंक लोन देने के लिए मजबूर किया??
आज बीजेपी के होने से वह विदेश में भी भागा – भागा फिर रहा है तो देश में क्या होता।
दूसरे देशों में भाग जाने पर उसे स्वदेश लाने में काफी कानूनी दांवपेंच है
यही दांव पेंच कालेधन का भी है जो समग्र देशवासी नहीं जानते है।
आम जन की मौलिक खाद्य पदार्थ को भी देखा जाय।
खुले मैदान में सड़े गेंहू पर शरद पंवार ने क्या कहा था और जब कीड़ेयुक्त गेंहू गरीबो में बाँटा गया तो उस वक्त यही शरद पंवार के जुबान से क्या निकला था।
ये बच्चे कीड़े भी खा जायेगें उसमे तो गेंहूं है।
ठीक है , पेट्रोल मंहगा है ,
बीजेपी को बाजार नियंत्रण नीति पर शक्ति अख्तियार करना होगा ,
लेकिन ये नहीं की वे सत्ता के काबिल नहीं है।
धरातल पर काम दिखाना होगा , अँगुलियों पर काम गिनाना होगा की उसने क्या किया है।
हजारों नीतियों की माला जपने से नहीं अगर एक भी नीति को कड़ाई से पालन करवाया जाय तो सरकार के लिए यह दीर्घजीवायु सिद्ध होता है।
आम आदमी पार्टी मुस्लिम ह्त्या पर सड़क पर उतरा और बबाल मचाया लेकिन कश्मीर में हिन्दुओ और सैनिक पर क्या बयान दिया था , शायद सबको याद होगा , मैं उस बयां को उद्धृत करना उचित नहीं समझता हूँ
ढाई साल के राजद गठबंधन में नीतीशकुमार का दम फूल गया था और वहां के अपराधी सर चढ़कर बोलने लगा था।
ममता बनर्जी का बंगाल में हिन्दुओं की दुर्दशा है और भाजपा विरोधी गठबंधन बना रही है , काल के पंजों से बचना है तो फिर पंजा और उसके सहयोगी को गट्टर में फेंकना होगा । बांकी आपकी मर्जी।
गंभीरता पूर्वक सोचिये और निर्णय लीजिये।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री दो अलग अलग पद है प्रधानमंत्री को विदेश पर ज्यादा नजर रखना पड़ता है ।
प्रधानमंत्री के लिए राजनीति के साथ साथ बेहतर और सशक्त कूटनीति होनी चाहिए अन्यथा देश पर दुश्मन हावी हो जाता है।
प्रधानमंत्री को उसके विदेशनीति के मद्देनजर रखते हुए आकलन कीजिये , सब्जी ,प्याज और पेट्रोल तो आंतरिक मामला है और उसके लिए विभागीय मंत्री उत्तरदायी होते है।
देश में अगर कुत्ते की दुम हिलाने वाला प्रधानमंत्री हुआ तो अतीत में झांखकर परिणाम देखिये।