- December 25, 2014
अकाली दल में दरार ”पंथक अकाली दल”
बठिण्डा (प्रैसवार्ता)– पंजाब में सत्तारूढ़ अकाली-भाजपा में आई राजनीतिक खटास का लाभ उठाने के लिए मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के विरोधी अकाली दल, सिख संगठन, संत समाज ने ”पंथक अकाली दल” बनाने में सक्रिय हो गए है और उन्होंने ग्राम बादल के निकटवर्ती ग्राम नंदगढ़ में डेरा जमाना शुरू कर दिया है। ग्राम नंदगढ़ में तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार बलवंत सिंह नंदगढ़ की स्थायी रिहाईश है, जिनकी मूल नानकशाही कलैंडर के पक्ष में की गई वकालत को लेकर मुख्यमंत्री बादल से आंख मिचौली शुरू हो गई है।
बादल द्वारा अपने निजी सचिव को भेजकर जत्थेदार नंदगढ़ से त्यागपत्र मांगना बादल के लिए परेशानी पैदा कर रहा है। सिख धर्म में तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार की पदवी बहुत ही सम्मानित औैर महत्वपूर्ण है, मगर बादल द्वारा निजी सचिव भेजकर इस्तीफा सिख समाज को रास नहीं आ रहा। पंजाब में कई अकाली दल है, मगर एकजुट न होने के चलते शिरोमणी अकाली दल के सामने बौने नजर आते है।
जत्थेदार नंदगढ़ प्रकरण ने सभी बादल विरोधी राजनीतिक दलों, सिख संगठनों व संत समाज को एक ही मंच पर इक्ट्ठे होकर ”पंथक अकाली दल” बनाने की राह दिखा दी है, जिस पर चलते हुए अकाली दल (मान), अकाली दल (लोगोंवाल), शिरोमणी अकाली दल (दिल्ली), सरना ग्रूप के अतिरिक्त कई सिख संगठनों व संत समाज का संपर्क जत्थेदार नंदगढ़ से हो चुका है और वह दवाब बनाए हुए है कि जत्थेदार नंदगढ़ त्याग पत्र न दें, ताकि इस विवाद की आड़ लेकर सभी बादल विरोधी एक मंच पर खड़े हो जाए और फिर ”पंथक अकाली दल” बनाकर बादल एंड कंपनी से शिरोमणी गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी को मुक्त करवाकर राजनीतिक डुगडुगी बजाई जा सके। दूसरी तरफ खुफिया एजेंसीज जत्थेदार नंदगढ पर नजर रखी हुई है।