अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के अभाव से जलवायु लक्ष्यों के पिछड़ने व ‘नेट जीरो’ के दशकों तक विलंब होने का खतरा बढ़ा

अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के अभाव से जलवायु लक्ष्यों के पिछड़ने व ‘नेट जीरो’ के दशकों तक विलंब होने का खतरा बढ़ा

लखनऊ (निशांत सक्सेना) _ पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए, विशेष रूप से वैश्विक तापमान में वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए, पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था के डीकार्बोनाइजेशन में बहुत तेज प्रगति की आवश्यकता है।

आज जारी ब्रेकथ्रू अजेंडा रिपोर्ट में साफ किया गया है कि अगर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में कमी हुई तो न सिर्फ़ पूरी दुनिया जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने में पिछड़ जाएगी, बल्कि दुनिया के नेट ज़ीरो होने में दशकों का विलंब तक हो सकता है।

पिछले साल ग्लासगो COP26 की वर्ल्ड लीडर्स समिट में लॉन्च किया गया ब्रेकथ्रू एजेंडा तमाम देशों को 2030 से पहले वैश्विक स्तर पर प्रत्येक उत्सर्जन क्षेत्र में स्वच्छ प्रौद्योगिकियों और टिकाऊ समाधानों को सबसे किफायती, सुलभ और आकर्षक विकल्प बनाने के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध करता है। इन बातों का खुलासा आज इस अजेंडा के तहत तय हुए लक्ष्यों का उल्लेख करती और उनके सापेक्ष मौजूदा स्थिति बताती रिपोर्ट के माध्यम से हुआ।

क्या है ब्रेकथ्रू एजेंडा?

COP26 में 45 विश्व नेताओं द्वारा ब्रेकथ्रू एजेंडा लॉन्च किया गया था। यह इस दशक में नवाचार और स्वच्छ प्रौद्योगिकियों के प्रयोग में तेजी लाने के लिए एक साथ काम करने की प्रतिबद्धता है, जिसकी मदद से इन प्रौद्योगिकियों को इस पूरे दशक के लिए सुलभ और किफायती बनाया जा सके। इस एजेंडा को शुरू करने के लिए दुनिया के तमाम देशों ने 2030 तक बिजली, सड़क परिवहन, स्टील, हाइड्रोजन और कृषि क्षेत्रों में स्वच्छ प्रौद्योगिकियों और टिकाऊ प्रथाओं को उनके विकल्पों की तुलना में अधिक किफायती, सुलभ और आकर्षक बनाने के लिए निर्णायक लक्ष्यों का समर्थन किया।

ब्रेकथ्रू एजेंडा इन लक्ष्यों की दिशा में विकास को ट्रैक करने के लिए एक वार्षिक चक्र स्थापित करता है। साथ ही, यह इस बात को भी साफ करता है कि इस दिशा में तेज़ी से प्रगति लाने के लिए और अधिक समन्वित अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता है, और फिर इन बदलावों को तेज, सस्ता और सभी के लिए आसान बनाने के लिए इन विशिष्ट प्राथमिकताओं के पीछे सार्वजनिक और निजी अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई को प्रेरित करता है।

क्या है ब्रेकथ्रू अजेंडा रिपोर्ट?

कार्रवाई के इस चक्र को शुरू करने के लिए, विश्व के नेताओं ने आईईए, आईआरईएनए, और यूएन क्लाइमेट चेंज हाई-लेवल चैंपियंस की टीम को एक स्वतंत्र साक्ष्य आधार और विशेषज्ञ सिफारिशें प्रदान करने के लिए एक वार्षिक ब्रेकथ्रू एजेंडा रिपोर्ट विकसित करने का काम सौंपा, जहां मजबूत अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है।

आज जारी यह दस्तावेज़, 2022 ब्रेकथ्रू एजेंडा रिपोर्ट, इन वार्षिक रिपोर्टों में से पहला है। यह प्रत्येक निर्णायक लक्ष्य की दिशा में प्रगति का आकलन और भविष्य में प्रगति पर नज़र रखने के लिए एक रूपरेखा है। साथ ही, यह साल 2030 तक समन्वित अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाइयों का मार्ग और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने के लिए सबसे जरूरी और उच्च प्रभाव वाले अवसरों पर विशिष्ट सिफारिशों का एक सेट प्रदान करता है।

इस रिपोर्ट की ख़ास बातें

हालिया रिपोर्ट कहती है कि प्रमुख क्षेत्रों में अधिक से अधिक स्वच्छ प्रौद्योगिकी को सबसे किफायती विकल्प बनाने को त्वरित प्राथमिकता के तौर स्वीकार करना होगा।

ब्रेकथ्रू एजेंडा रिपोर्ट स्वच्छ ऊर्जा , ईवी, न्यूनतम कार्बन स्टील और हाइड्रोजन, टिकाऊ खेती को जल्द से जल्द सबसे किफायती विकल्प बनाने में मदद करने के लिए 25 सामूहिक कदमों या प्रयासों की बात करती है।

45 वैश्विक प्रमुखों की पहल पर बनी पहली वार्षिक ब्रेक थ्रू एजेंडा रिपोर्ट, ऐतिहासिक स्वच्छ प्रौद्योगिकी प्रतिबद्धताओं को पूर्ण करने के लिए उन कदमों व कार्रवाईयों को समाहित करती है, जिसमें प्रति विश्व की दो-तिहाई अर्थव्यवस्थाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले सरकारों ने अपनी प्रतिबद्धता दर्शायी है। ब्रेक थ्रू एजेंडा, जिन प्रतिबद्धताओं की बात बात करता है उसमें विभिन्न देशों के कार्यों को रेखांकित करते हुए निवेश को समन्वित करना भी शामिल है जिससे बिजली, सड़क परिवहन, स्टील, हाइड्रोजन और कृषि सहित पांच प्रमुख क्षेत्रों में लागत को कम किया जा सके।

ये क्षेत्र अकेले ही 60% वैश्विक ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन के जिम्मेदार हैं और पेरिस समझौते के लक्ष्यों के अनुरूप 2030 तक आवश्यक उत्सर्जन में कमी का मार्ग निर्धारित कर सकते हैं, जो ग्लोबल वार्मिंग को अधिकतम 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने में महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम होगा।

रिपोर्ट ने हाल के वर्षों में व्यावहारिक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में वृद्धि एवं और आवश्यक प्रौद्योगिकियों को अपनाने में हुई प्रगति को भी रेखांकित किया है जिनमें शामिल हैं:

• वर्ष 2020 की तुलना में 2021 में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री दोगुनी होकर 6.6 मिलियन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है

• 2022 में वैश्विक नवीकरणीय क्षमता में 8% की वृद्धि का अनुमान है – जो पहली बार 300GW की सीमा को पार करेगी और लगभग 225 मिलियन घरों की ऊर्जा जरूरतों के बराबर होगी।

• 2021 में विकसित की गई नई नवीकरणीय क्षमता के आधार पर 2022 में वैश्विक बिजली उत्पादन लागत में कम से कम 55 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कमी का अनुमान लगाया गया है

हालाँकि, रिपोर्ट यह भी चेताती है कि विश्व को अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए अधिक से अधिक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है।

आईईए के कार्यकारी निदेशक फतेह बिरोल कहते हैं, “हम सही मायने में वैश्विक ऊर्जा संकट के बीच में खड़े हैं, जो दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं, विशेष रूप से विकासशील देशों पर परिणाम के रूप विनाशकारी दस्तक दे रही है। स्वच्छ टिकाऊ ऊर्जा को विकल्प के रूप में स्वीकारने की प्रक्रिया को तेज करके ही हम स्थायी ऊर्जा सुरक्षा प्राप्त कर सकते हैं। अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से नवाचार को तेज करते हुए, पैमाने की अधिक अर्थव्यवस्थाओं, निवेश के लिए बड़े प्रोत्साहन, समान अवसर और समाज के सभी हिस्सों को लाभ साझा कर अंगीकरण को सभी के लिए तेज, सस्ता और सुलभ बनाया जा सकता है। इस साझेदारी के बिना ‘नेट जीरा इमिशन’ की ओर बढ़ना न केवल अधिक चुनौतीपूर्ण होगा बल्कि इसमें दशकों विलंब हो सकता है। ”

आईआरईएनए के महानिदेशक फ्रांसेस्को ला कैमरा ने कहा कि “ऊर्जा और जलवायु संकट ने 20वीं शताब्दी में ‘फ्यूल’ पर अत्यधिक निर्भरता की कमजोरियों एवं सीमाओं को उजागर कर दिया है। इसलिए त्वरित व कठोर कार्रवाई के बिना 1.5 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य पर बना रहना असंभव होगा। “ब्रेकथ्रू एजेंडा और हमारी संयुक्त रिपोर्ट COP27 से पहले इस ओर साफ इशारा करती है कि अत्याधिक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को बहुगुणित करते हुए इसकी प्रगति को और गति प्रदान कर सकता है। किफायती ऊर्जा, रोजगार, आर्थिक विकास और स्वच्छ पर्यावरण के जिए नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ना एक रणनीतिक विकल्प है।’

रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि उत्सर्जन में त्वरित कमी के साथ ही सुदृढ साझीदारी परिवर्तन को तेज व किफायती बनाने के लिए साथ ही नौकरियों को भी बढ़ावा देगी।

आईईए के शोध से पता चलता है कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग के बिना, ‘नेट जीरो’ वैश्विक उत्सर्जन की ओर पहुंचने में दशकों लग सकते हैं। वहीं, रिपोर्ट में उद्धृत नया शोध कहता है कि वर्ष 2030 तक कुछ प्रौद्योगिकियों की लागत में 18% तक की गिरावट आ सकती है। रिपोर्ट में शाामिल आईआरईएनए के अनुमानों के अनुसार वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लक्ष्य साथ ऊर्जा विकल्पों की आरे बढ़ने से 2019 में गई 12 मिलियन नौकरियो के सापेक्ष 2030 में 85 मिलियन तक अतिरिक्त नौकरियां सृजित हो सकती हैं।

COP26 में यूएन क्लाइमेट एक्शन के हाईलेवल चैंपियन निगेल टापिंग ने कहा था, ‘नेट जीरो एवं लचीलेपन’ की रेस में हजारों गैर-राज्य घटकों के साथ शामिल देशों को अर्थव्यवस्था के प्रत्येक उत्सर्जक क्षेत्र में किफायती शून्य उत्सर्जन समाधानों को लागू करने के लिए और अधिक मजबूती से साथ आना चाहिए। घातक जलवायु परिवर्तन से बचने के साथ ही यह विकास के लिए भी उतना ही आवश्यक है। ब्रेकथ्रू एजेंडा प्रतिबद्धताओं को लागू करने के लिए COP27 में सामूहिक भागीदारी की ओर स्पष्ट कदम बढ़ाना चाहिए जो विश्व भर के सभी जरूरतमंदों के लिए स्वच्छ प्रौद्योगिकी को सस्ता व सुलभ बनाती है।

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