- March 10, 2018
जहाँ नारी की पूजा होती है, वहाँ देवताओं का वास होता है–चौहान
(ब्लाग )———- कहते हैं हर कामयाब इंसान के पीछे एक महिला का हाथ होता है। मुझे लगता है कि आज तक मैंने जो भी सफलता प्राप्त की, वह मेरी पूजनीय माताजी के आशीर्वाद तथा मेरी धर्मपत्नी के साथ से मिली।
महिलाओं का योगदान हमारे जीवन में अप्रतिम है इसलिए उन्हें साल में सिर्फ एक दिन धन्यवाद देने के पक्ष में मैं नहीं हूँ। फिर भी 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एक ऐसा दिन है जब हम महिलाओं को हमारा जीवन और भी अधिक सुंदर बनाने के लिए उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हैं।
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:। यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफला: क्रिया:॥
अर्थात जहाँ नारी की पूजा होती है, वहाँ देवताओं का वास होता है, जहाँ उनकी पूजा नहीं होती, वहाँ कोई भी कार्य सम्पन्न नहीं होता।
किसी भी देश की तरक्की तभी मायने रखती है जब वहाँ की महिलाओं को इज्ज़त मिले, उनमें आत्मसम्मान हो, वह सशक्त बनें।
मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री होने के नाते मैंने हमेशा ही महिलाओं व बेटियों को हरसंभव सुविधाएँ देने का प्रयास किया है। आजीविका मिशन के तहत हज़ारों स्व-सहायता समूह संचालित किए जा रहे हैं जिससे लाखों महिलाएँ आत्मनिर्भर हुई हैं। जो महिलाएँ कल ग्राहिणी थीं, वे आज सफल उद्यमी हैं व अपने परिवार का भरण-पोषण खुद करती हैं।
हमने पिछले दिनों फैसला लिए कि बच्चों को दिया जाने वाला पोषण आहार अब स्व-सहायता समूहों द्वारा बनाया जाएगा। साथ ही बच्चों के स्कूल की यूनिफॉर्म भी इन महिलाओं द्वारा सिली जाएंगी। हमने महिलाओं को नगरीय निकाय चुनावों व शिक्षकों की भर्ती में 50% आरक्षण दे रखा है। वन विभाग को छोड़कर सभी विभागों में 33% आरक्षण हम महिलाओं को दे रहे हैं।
प्रदेश की कई महिलाओं ने हमारा मान बढ़ाया है। रीवा की अवनि चतुर्वेदी देश की पहली महिला फाइटर पायलेट बनीं। मध्य प्रदेश से बीएसएफ की दस महिलाओं ने ‘सीमा भवानी’ का हिस्सा बन गणतंत्र दिवस की परेड में मोटरसाइकल पर कई करतब कर के दिखाए।
शहरी क्षेत्र ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएँ भी सफलता के झंडे गाड़ रही हैं। रेखा पंदराम जी को अपनी सफलता की कहानी सुनाने हेतु संयुक्त राष्ट्र का आमंत्रण प्राप्त हुआ। वहीं मीरा कुशवाहा जी को कुपोषण मुक्ति के क्षेत्र में योगदान हेतु केंद्र सरकार ने दिल्ली आमंत्रित किया। सफल जीवन के लिए शिक्षा बहुत ज़रूरी है।
महिलाओं को अच्छी से अच्छी शिक्षा देने हेतु हमारी सरकार निरंतर प्रयासरत है।
बच्चियाँ आसानी से स्कूल जा सकें, इसके लिए हम उन्हें निःशुल्क साइकल प्रदान करते हैं। कौशल्या योजना के तहत महिलाओं का कौशल विकास किया जाता है। महिलाओं व बेटियों को सुरक्षित व भयमुक्त वातावरण प्रदान करने हेतु हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।
छोटी बच्चियों से दुष्कर्म करने वाले दरिंदों को फाँसी पर लटकाने का कानून भी हमने बनाया है जिसे राष्ट्रपति जी को स्वीकृति हेतु भेजा गया है। पीछा करने वालों और छेड़छाड़ करने वालों को सबक सीखने हेतु भी कड़े कानून लागू किए गए हैं।
महिलाएँ अनंत शक्ति का भंडार हैं। उन्हें अनुकूल वातावरण प्रदान करना सरकार व समाज की ज़िम्मेदारी है। आज हम सब प्रण लें कि अपने-अपने कार्यक्षेत्र में जेंडर इक्वलिटी के लिए अनुकूल वातावरण बनाएँ।
श्रोत –https://shivrajsinghchouhan.org/blog