750 मेगावॉट रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर पॉवर प्लांट

750 मेगावॉट रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर पॉवर प्लांट

भोपाल (मुकेश मोदी)———–रीवा जिले की गुढ़ तहसील में स्थापित होने वाले 750 मेगावॉट रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर पॉवर प्लांट के लिये निविदा में प्राप्त न्यूनतम दरों पर परियोजना की स्थापना के लिये तीन विकासक (डेवपलर्स) से 17 अप्रैल को हॉटल मेरियट कोर्टयार्ड (डी.बी. मॉल) में प्रात: 11 बजे अनुबंध निष्पादित किये जायेंगे।

आयोजन में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान केन्द्रीय शहरी विकास, आवासीय एवं शहरी गरीबी उन्मूलन और सूचना-प्रसारण मंत्री श्री एम. वैंकेय्या नायडू एवं केन्द्रीय नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा, खान और कोयला राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल, प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री पारसचन्द्र जैन एवं म.प्र. ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष श्री विजेन्द्र सिंह सिसोदिया उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में भारत सरकार के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, विश्व बैंक एवं अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम, आदि के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।

कार्यक्रम में रीवा परियोजना के लिये आमंत्रित निविदा में न्यूनतम दर प्रस्तुत करने वाली तीन विकासक इकाइयों के साथ प्रमुख रूप से पॉवर क्रय अनुबंध (पीपीए) मध्यप्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी लिमिटेड तथा दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन द्वारा निष्पादित किये जायेंगे। साथ ही योजना के क्रियान्वयन में सहयोग एवं समन्वय के लिये और पॉवर प्लांट हेतु आवश्यक जमीन के उपयोग की अनुमति के लिये भी विकासकों के साथ अनुबंध निष्पादित होंगे।

रीवा परियोजना में कम दर प्राप्त होने के कारण मध्यप्रदेश की विद्युत वितरण कम्पनियों/म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी को परियोजना अवधि में रुपये 4700 करोड़ की बचत होगी (पिछली सौर निविदा की दरों के आधार पर)। परियोजना की स्थापना से मध्यप्रदेश में लगभग रुपये 4000 करोड़ का निजी निवेश होगा। इस होने वाले निवेश में अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम ने सलाहकार के रूप में अहम भूमिका अदा की है।

परियोजना से उत्पादित विद्युत की 24 प्रतिशत बिजली दिल्ली मेट्रो को दी जायेगी। रीवा परियोजना देश की पहली परियोजना है, जिसमें राज्य के बाहर किसी ओपन एक्सेस उपभोक्ता को बिजली दी जा रही है। दिल्ली मेट्रो को दी जाने वाली बिजली वर्तमान बिजली की दर की आधी है और इससे उन्हें रुपये 100 करोड़ प्रतिवर्ष एवं लगभग रुपये 3600 करोड़ की बचत होगी।

रीवा परियोजना की निविदा में 6 अंतर्राष्ट्रीय व 14 राष्ट्रीय कम्पनियों ने भागीदारी की। कुल क्षमता 750 मेगावॉट के 10 गुना क्षमता की बिड प्राप्त हुई। इसमें मुख्य अंतर्राष्ट्रीय कम्पनियाँ थी, Soft Bank (Japan), Engie (France), Enel (Italy) आदि। परियोजना के लिये रुपये 2.97 की दर प्राप्त हुई है, जो अभी तक देश की न्यूनतम दर (रुपये 4.34) से 34 प्रतिशत कम है।

रीवा सौर परियोजना देश की पहली परियोजना है, जिसमें विश्व बैंक से ऋण लिया गया। यह पहली परियोजना है, जिसमें Clean Technology Fund (CTF) का 0.25 प्रतिशत ब्याज दर परअति-रियायती ऋण लिया गया।

भारत शासन के पीजीसीआईएल द्वारा परियोजना क्षेत्र में 220/440 के.व्ही. सब-स्टेशन नि:शुल्क बनाया जा रहा है। भारत शासन ने नवकरणीय ऊर्जा के लिये अंतर्राज्यीय विद्युत पारेषण को नि:शुल्क किया है। रीवा सोलर पार्क विकास के लिये भारत शासन द्वारा रुपये 12 लाख/मेगावाट का अनुदान भी दिया जा रहा है।

750 मेगावाट की यह परियोजना 250 मेगावाट की तीन इकाइयों के रूप में विकसित की जा रही है। दो इकाइयों द्वारा प्रथम वर्ष के लिये दिये गये प्रति यूनिट टेरिफ के अंतर्गत इकाइयों में महिन्द्रा रिन्यूएवल्स प्रायवेट लिमिटेड, मुम्बई, जिसके द्वारा रुपये 2.979 प्रति यूनिट, दूसरी इकाई एक्मे सोलर होल्डिंग्स प्रायवेट लिमिटेड गुड़गांव रुपये 2.97 प्रति यूनिट तथा सोलेनर्जी पॉवर प्रायवेट लिमिटेड, पोर्ट लुईस, मोरिशस द्वारा रुपये 2.974 प्रति यूनिट की दरें दी गयी हैं।

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